‘कांग्रेस में कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा ना हो’
इस पर उन्होंने कहा, “हे महाकाल, कांग्रेस में कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा ना हो।” उन्होंने यह भी कहा कि जब कमलनाथ सरकार को गिराया गया, उस समय राजा-महाराजा बीजेपी के हाथों बिक गए। इस दौरान दिग्विजय ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर निशाना साधा। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के गरीब विधायकों को बीजेपी ने 25 से 50 करोड़ रुपये का ऑफर किया, लेकिन उन्होंने कांग्रेस को धोखा नहीं दिया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी किया पलटवार
इसके बाद दिग्विजय सिंह के बयान पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने ट्वीटर पर जवाब देते हुए लिखा, “हे प्रभु महाकाल, कृपया दिग्विजय सिंह जी जैसे देश-विरोधी और मध्य प्रदेश के बंटाधार, भारत में पैदा ना हों।”
‘कांग्रेस में कब तक अपमान सहते’
अब सिंधिया के पक्ष में खड़े होने की बारी शिवराज की थी। इस जुबानी जंग में कूदते हुए सीएम ने कहा कि आखिर कांग्रेस में कितना अपमान सहते। चुनाव लड़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर और बुजुर्ग कमलनाथ जी को मुख्यमंत्री बना दिया। सरकार भी कमलनाथ जी नहीं पीछे से दिग्गी राजा (दिग्विजय सिंह) चला रहे थे। कमलनाथ भी नाम मात्र के मुख्यमंत्री थे।
दोनों राजघरानों में लंबी चलेगी अदावत
सीएम ने कहा कि सिंधिया जी और उनके सहयोगी बार-बार जन समस्याओं की ओर ध्यान दिला रहे थे लेकिन कमलनाथ जी का अहंकार इतना बड़ा था कि जब सिंधिया जी ने कहा कि यह काम नहीं होंगे तो हम सड़क पर उतर जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि उतर जाओ। अगर वो गलत लोग होते तो जनता हजारों वोटों से कैसे जिता देती। किसी की मेहरबानी से हम सरकार नहीं चला रहे हैं। उन्होंने इस्तीफा दिया, चुनाव लड़ा और शान से जीतकर आए।
कांग्रेस में छोटेपन की होड़ लगी हुई है। राजनीतिक जानकार कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश के दो राजघरानों की यह पुरानी राजनीतिक अदावत लंबी चलेगी। विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही दोनों ओर से बयानबाजी और तीखी होती जाएगी।
एमपी में गिर गई थी सरकार
जानकारी हो कि मध्य प्रदेश में बीजेपी शासन के 15 साल के बाद दिसंबर 2018 में सत्ता में आई कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार 22 विधायकों के विद्रोह के कारण गिर गई थी। इसके कुछ समय बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके वफादार विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्र में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया। अब मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत तक होने वाले हैं।(एएमएपी)