डीएमके नेता और तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे के सनातन धर्म को खत्म करने की बात पर जो बखेड़ा खड़ा किया है, उस पर विपक्षी गठबंधन इंडिया में दो फाड़ नजर आ रहा है। इंडिया के बाकी साथी डीएमके और कांग्रेस नेताओं के बयान पर डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं। केजरीवाल और ममता बनर्जी के बाद संजय राउत भी बयान से पल्ला झाड़ चुके हैं।

ऐसे हुई बवाल की शुरूआत

बवाल तब शुरू हुआ, जब उदयनिधि ने सनातन को खत्म करने की बात कही, फिर उसी पार्टी के एक और नेता ए राजा ने सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग से कर दी। कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक ने सनातन को बीमारी कह डाला। हालांकि उदयनिधि और खड़गे अपने बयान पर सफाई दे चुके हैं लेकिन, इन बयानों से विपक्षी दलों में एकता की कलई खुलती नजर आ रही है।

सनातन धर्म को लेकर विपक्षी नेताओं के बयान उन्हीं के गले की फांस बनता जा रहा है। डीएमके नेता और तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने एक कार्यक्रम के दौरान सनातन पर काफी कुछ कहने के बाद इसे खत्म कर देने की बात कही। यह विवाद जैसे ही उठा, कांग्रेस ने बयान से पल्ला झाड़ दिया और इसे डीएमके का मुद्दा कह डाला। इसके बाद कांग्रेस चीफ मल्ल्किार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक ने सनातन की तुलना बीमारी से कर दी। डीएमके के एक और नेता ए राजा ने सनातन को एचआईवी और कुष्ठ रोग कह डाला।

सिद्धारमैया का बयान

कांग्रेस के एक और नेता और कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने केरल के एक मंदिर में प्रवेश नहीं किया, क्योंकि उन्हें अपनी शर्ट उतारने के लिए कहा गया था। सिद्धारमैया ने कहा, “एक बार, मैं केरल के एक मंदिर में गया, उन्होंने मुझे अपनी शर्ट उतारकर प्रवेश करने के लिए कहा। मैंने मंदिर में प्रवेश करने से इनकार कर दिया और उनसे कहा कि मैं बाहर से प्रार्थना करूंगा। उन्होंने हर किसी को अपनी शर्ट उतारने के लिए नहीं कहा, लेकिन सिद्धारमैया ने कहा, “सिर्फ कुछ। यह एक अमानवीय प्रथा है। भगवान के सामने हर कोई बराबर है।”

पहले बयान फिर डैमेज कंट्रोल

उदयनिधि और प्रियांक खड़गे ने अपने बयान पर सफाई दी है। उदयनिधि ने कहा कि वह धर्म के बारे में कमेंट नहीं करना चाह रहे थे। अब कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे का कहना है कि “मेरा बयान किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं था। मैंने कहा था कि जो भी धर्म इंसानों के बीच भेदभाव करता है, वह धर्म नहीं है। मैं संविधान को मानता हूं, मेरा धर्म संविधान है। अगर वे चाहें तो मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकते हैं या वे मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं, यह व्यक्तियों पर निर्भर है, मुझे वास्तव में परवाह नहीं है। ये लोग कन्नड़, हिंदी या अंग्रेजी नहीं समझते हैं। मैंने केवल इतना कहा है कि संविधान मेरा धर्म है। क्या भाजपा को इससे कोई समस्या है ?उन्हें जितनी चाहें उतनी एफआईआर दर्ज करने दें, वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं…”

सनातन पर बंट गया इंडिया गठबंधन

सनातन पर इंडिया गठबंधन के नेताओं के बयान आपस में मेल नहीं खाते। उदयनिधि और प्रियांक के बयान से बखेड़ा खड़ा होने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बयान से पल्ला झाड़ दिया। उन्होंने कहा कि वह खुद सनातनी धर्म से आते हैं और किसी दूसरे के धर्म पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उधर, पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने कहा, हर धर्म से अलग-अलग भावनाएं जुड़ी हुई होती हैं। मैं दक्षिण भारतीय लोगों का बहुत सम्मान करती हूं लेकिन, हर धर्म का सम्मान करना जरूरी है।

संजय राउत का बयान

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत का कहना है कि मैंने वह बयान सुना है। उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और कोई भी उनके बयान का समर्थन नहीं करेगा और किसी को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। यह डीएमके का विचार हो सकता है या उनका निजी विचार। इस देश में लगभग 90 करोड़ हिंदू रहते हैं और अन्य धर्मों के लोग भी इस देश में रहते हैं। उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती।  (एएमएपी)