कैलोरी से भरपूर अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स काफी लोग खाना पसंद करते हैं। अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स में फाइबर की मात्रा कम और चीनी की मात्रा जरूरत से ज्यादा होती है। ऐसी चीजों को खाने से पेट तो भर जाता है, लेकिन वजन भी तेजी से बढ़ने लगता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करना हेल्थ के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स को कॉस्मेटिक फूड्स के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें खाने के नेचुरल तत्व हटा कर उसे कृत्रिम तत्वों में बदल दिया जाता है। जिससे इसके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। प्रोसेस्ड फूड्स में केक पेस्ट्री, नूडल्स, कैंडी, चिप्स, रेडी टू ईट खाना जैसी चीजें शामिल होती है। जिनका सेवन हम आमतौर पर ज्यादातर कर लेते हैं। जो काफी नुकसानदायक है।

32 गंभीर बीमारियों का खतरा

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में पब्लिश हुई हालिया रिसर्च के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस और आयरलैंड के रिसर्चर्स की टीम को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि हाई अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करने से कैंसर, श्वसन, हृदय, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी 32 गंभीर बीमारियों का खतरा होता है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खाने से हार्ट डिसीज से मृत्यु का जोखिम 48-53 बढ़ जाता है। डिप्रेशन, जनरल मेंटल डिसऑर्डर और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी 12 प्रतिशत बढ़ जाता है।

मृत्यु का जोखिम 21 प्रतिशत अधिक

बीएमजे एक साप्ताहिक पत्रिका है जिसे बीएमजे ग्रुप प्रकाशित करता है। यह दुनिया की सबसे विश्वसनीय और पुरानी मेडिकल जर्नल्स में से एक है। जर्नल में प्रकाशित स्टडी में बताया गया है कि रिसर्चर टीम को ऐसे सबूत मिले हैं जो बताते हैं कि अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड के सेवन से किसी की भी मृत्यु का जोखिम 21 प्रतिशत अधिक होता है जिसमें हार्ट डिसीज, मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज से मृत्यु का जोखिम 40-66 प्रतिशत था। वहीं, नींद की समस्या और डिप्रेशन का खतरा भी 22 प्रतिशत अधिक था।

कैंसर का खतरा

रिसर्चर्स ने पाया कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड चीजों का अधिक सेवन सीधे तौर पर हार्ट डिसीज, टाइप 2 डायबिटीज, डिप्रेशन, नींद संबंधी समस्याएं, घरघराहट, कैंसर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कंडीशन्स जैसी क्रोनिक डिसीज और मोटापे के जोखिम से जुड़ा था। रिसर्च के अनुसार अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड के अधिक सेवन से ब्रेस्ट कैंसर, ट्यूमर, क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया, कोलोरेक्टल कैंसर, अग्नाशय कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।

क्या हैं अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड ?

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड को फैक्ट्रियों में विभिन्न विधियों से बनाया जाता है जिनमें प्रिजर्वेटिव्स और आर्टिफिशिअल इंग्रेडिएंट मिलाए जाते हैं। ये आमतौर पर एक्सट्रूजन, हाइड्रोजनेशन और अधिक तापमान पर खाना पकाने जैसे कई प्रोसेस से गुजरते हैं। उदाहरण के लिए, मीठे स्नैक्स, पैकेज्ड बेक की हुई चीजें, फास्ट फूड, मीठी ड्रिंक्स भी ऐसे ही बनाई जाती हैं।  इन खाद्य पदार्थों में आम तौर पर आवश्यक पोषक तत्व और फाइबर कम होते हैं लेकिन अनहेल्दी फैट, चीनी, नमक अधिक होते  हैं। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के नियमित सेवन को मोटापा, हार्ट डिसीज, डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर समेत कई समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

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ये विकल्प हो सकते हैं फायदेमंद

  •  बाजार में मिलने वाला मीठा योगर्ट अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स में शामिल होता है। इसकी जगह आप ग्रीन योगार्ट का सेवन कर सकते हैं।
  •  फ्रोजन पिज्जा खाने के बजाय घर पर बना ताज़ा पिज़्ज़ा खाएं।
  • घर का बना लेमनेड बाहर की कोल्ड्रिंक्स से ज्यादा बेहतर होता है।
  • बाहर मिलने वाले चिप्स और नमकीन की जगह आप ड्राई नट्स या पॉपकॉर्न का सेवन कर सकते हैं।
  • घर का खाना खाकर ज्यादातर लोग बोर हो जाते हैं। टेस्ट बदलने के चक्कर में अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करना वो सही समझते हैं। लेकिन इससे होने वाले नुकसान को धान में देखते हुए इससे बचने की सलाह दी जाती है, जो काफी हद तक सही भी है।(एएमएपी)