संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता।
साल 2011 में युद्ध शुरू होने के बाद से सीरिया सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने चिंता जताते कहा है कि देश भर में हैजा का प्रकोप है। अभी तक 24,000 से अधिक संदिग्ध मरीजों की पुष्टि हुई है और कम से कम 80 लोगों की मौत हो चुकी है।संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि रणनीतिक गतिरोध के बावजूद देशभर में संघर्ष तेजी से बढ़ा है। इसने सरकार और विपक्ष के बीच एक राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने के प्रयासों को अवरुद्ध किया है। उन्होंने हाल ही में हुई कुछ घटनाओं की ओर इशारा किया। जिसमें उत्तर-पश्चिम में सरकार समर्थक हवाई हमले, उत्तर-पूर्व में हिंसा, दक्षिण-पश्चिम में सुरक्षा घटनाओं में वृद्धि, दमिश्क और अलेप्पो में हवाई अड्डे पर इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमले शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत पेडरसन ने कहा सीरियाई मुद्रा में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। इस कारण खाद्य और ईधन की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि देश के लिए आर्थिक संकट परेशानी खड़ी कर सकता है। उन्होंने कहा कि सर्दी आ रही है और ऐसे में सीरिया को अतिरिक्त धन की तत्काल आवश्यकता होगी।
संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय के संचालन की निदेशक रीना घेलानी ने परिषद को बताया कि सीरिया में लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा है कि देश में हैजा के प्रकोप की वजह पानी की गंभीर कमी है। कई जगहों पर गंभीर सूखे जैसी स्थिति और यूफ्रेट्स नदी का जलस्तर कम हो गया है। घेलानी ने कहा है कि ये संकट और भी खराब होने की संभावना है
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा हैजा के प्रकोप को खत्म करने के लिए 34.4 मिलियन डॉलर की आवश्यकता है। इससे तीन महीने के दौरान सीरिया के करीब पांच मिलियन लोगों को पानी और स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो सके। सीरिया में संकट को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र लगभग 10 मिलियन डॉलर उपलब्ध कराएगा। घेलानी ने कहा कि पानी की कमी ने गेहूं की फसल के साथ-साथ किसानों की आजीविका को भी प्रभावित किया है।(एएमएपी)