इसी तरह राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता कमल थापा ने भी ॐ शब्द हटाने को लेकर अपनी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि ॐ सिर्फ एक शब्द या ध्वनि नहीं, बल्कि यह सनातन समाज की पहचान है। इसे हटाना धर्म पर प्रहार करने जैसा है। इसके अलावा अलग-अलग पार्टियों ने भी इसका विरोध किया है। नेपाल के गैर राजनीतिक छात्र संगठन प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया है। प्रतिष्ठान को अपने फैसले तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए ज्ञापन पत्र भी दिया गया है।
इस फैसले को लेकर अधिवक्ता स्वागत नेपाल ने सर्वोच्च अदालत में एक रिट दायर की है, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस पर अपना विचार रखने के लिए एमिकस क्यूरी भेजने का आग्रह नेपाल बार काउंसिल से किया है। रिट दायर करने वाले अधिवक्ता स्वागत नेपाल ने कहा कि अगली सुनवाई में एमिकस क्यूरी का विचार सुनने के बाद फैसला किए जाने की उम्मीद है।(एएमएपी)