अमेरिकी कांग्रेस की एक समिति ने भारत को नाटो प्लस का हिस्सा बनाने की सिफारिश की है। समिति का कहना है कि भारत को इसमें शामिल किए जाने से नाटो प्लस को मजबूती मिलेगी। नाटो प्लस पांच देशों का गठबंधन है। इसे वैश्विक रक्षा सहयोग के लिए बनाया गया है। इसके सदस्य देश ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इजरायल और दक्षिण कोरिया हैं।भारत को नाटो प्लस का छठा सदस्य बनाने की सिफारिश की गई है। समिति ने कहा है कि अगर नाटो प्लस का छठा हिस्सा भारत बनता है तो इन देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने में सुविधा होगी। अमेरिका और चीन के बीच सामरिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की चयन समिति के अध्यक्ष माइक गैलाघेर और रैंकिंग सदस्य राजा कृष्णमूर्ति के नेतृत्व में, नाटो प्लस को मजबूत बनाने के लिए भारत को शामिल करने सहित ताइवान की क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नीति प्रस्ताव को रखा गया।

सदन की चयन समिति ने सिफारिश करते हुए कहा कि चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा जीतना और ताइवान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका को भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की जरूरत है। पिछले छह वर्षों से इस प्रस्ताव पर काम कर रहे भारतीय-अमेरिकी रमेश कपूर ने उम्मीद जताई कि सिफारिश को राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम 2024 में जगह मिलेगी और अंत में देश का कानून बन जाएगा।

उन्होंने कहा कि समिति में इस प्रस्ताव पर बात होना ही विकास की ओर बढ़ता एक कदम है। समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि ताइवान पर हमले के मामले में चीन के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध सबसे प्रभावी होंगे यदि प्रमुख सहयोगी जैसे जी-7, नाटो, नाटो प्लस और क्वाड सदस्य एकजुट हो जाएं। अगर ये सभी सहयोगी देश एक संयुक्त प्रतिक्रिया पर बातचीत करेंगे तो चीन को कमजोर किया जा सकता है।(एएमएपी)