अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में बीते नौ दिसंबर को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के दुस्साहस पर अमेरिका ने भारत के साथ होने की बात कही है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर चिंता जताई है।अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में बीते नौ दिसंबर को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प हो गई थी। भारत की ओर से बताया गया कि नुकीले डंडों और लाठियों से लैस 300 से अधिक चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा पर अतिक्रमण का प्रयास किया, जिसे भारतीय सैनिकों ने असफल कर दिया। आमने-सामने होने के कारण भारतीय और चीनी सैनिकों को मामूली चोटें भी आई थीं। भारतीय सैनिकों के डटकर मुकाबला किये जाने के बाद दोनों पक्षों के तुरंत क्षेत्र से हटने की जानकारी सामने आई है। घटना के बाद वहां तैनात सैन्य अधिकारियों ने शांति बहाल करने के लिए इस मुद्दे पर चर्चा के साथ फ्लैग मीटिंग भी की थी।

तवांग के इस घटनाक्रम में अब भारत को अमेरिका का साथ मिला है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने कहा कि अमेरिका अपने साझेदार (भारत) की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के भारत के प्रयासों का पूरा समर्थन करने की बात भी कही। इससे पहले अमेरिका ने बयान जारी कर स्थिति को नियंत्रण में रखने पर खुशी जाहिर की थी। साथ ही कहा था कि अमेरिका स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।

संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से भी इस मसले पर चिंता जताई गयी है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत-चीन सीमा पर तनाव कम करने की बात कही है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजैरिक ने कहा कि क्षेत्र में तनाव न बढ़ना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से तनाव कम करने के लिए कहने की बात भी कही है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या दी जानकारी?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सदन में साफ कर दिया है कि भारतीय सैनिकों की बहादुरी की वजह से चीनी सैनिकों पीछे खदेड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि 09 दिसंबर 2022 को पीएलए सैनिकों ने अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया। चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया। इस दौरान दोनों पक्ष आमने सामने आ गए। हाथापाई भी हुई। इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं। लेकिन मैं सदन को बताना चाहता हूं कि झड़प में हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ। (एएमएपी)