मुख्यमंत्री ने कहा- उत्तराखंड के लिए आज का दिन शुभ है
प्रदेश की लगभग 10 प्रतिशत आबादी से लिए गए सुझाव
10 हजार लोगों से संवाद और लगभग 02 लाख 33 हजार सुझाव मिले
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने की दिशा में अहम प्रगति हुई है। उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित यूसीसी विशेषज्ञ समिति ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि लंबे समय से हमें इस ड्राफ्ट का इंतजार था, आज हमें ड्राफ्ट मिल गया है। हमने उत्तराखंड की जनता से वादा किया था कि नई सरकार के गठन के बाद हम समान नागरिक संहिता के लिए कानून बनाएंगे। इस ड्राफ्ट का परीक्षण करने के बाद जो भी जरूरी औपचारिकताएं हैं उसे पूरा कर, ड्राफ्ट को विधानसभा में पेश कर विधेयक लाएंगे।दरअसल, देहरादून के न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष रंजना देसाई की मौजूदगी में समिति के सदस्यों ने ड्राफ्ट सौंप दिया। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित समिति में दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ शामिल थे।
#BreakingNews: Zee News पर उत्तराखंड UCC का ड्राफ्ट, ड्राफ्ट में कई कानून शामिल,
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— Zee News (@ZeeNews) February 2, 2024
देश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा
कमेटी द्वारा ड्राफ्ट सौंपे जाने के बाद मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज उत्तराखंड के लिए शुभ दिन है। इस दिन का पूरे देश को लंबे समय से इंतजार था। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने वादों के अनुसार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर आगे बढ़ते हुए काम किया है। यूसीसी से कुरीतियां और कुप्रथाएं अपराध बनेंगी। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने समिति से रिपोर्ट प्राप्त कर राज्य की जनता एवं राज्य सरकार की ओर से समिति के सभी सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि समिति के सदस्यों का यह योगदान राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
समिति ने विभिन्न स्थानों पर जाकर एकत्र की जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच सदस्यीय कमेटी की ओर से दो उप समितियां बनाई गईं। माणा गांव से लेकर 43 स्थानों पर संवाद हुआ। वेब पोर्टल लांच किया गया। इसके साथ ही 02 लाख 33 हजार लोगों ने विचार दिया। राज्य के 10 प्रतिशत लोगों ने राय रखी। अभी तक 72 बैठकें हुई हैं। दिल्ली से लेकर विभिन्न स्थानों पर समिति ने जाकर विशेष लोगों से जानकारी ली।
#WATCH | On the UCC draft report, Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says, “I’ve received the draft, it will be examined and then it will be implemented. We had promised the people of Uttarakhand during the state elections and they formed our government. So we are keeping that… pic.twitter.com/Zs5iOpUbC3
— ANI (@ANI) February 2, 2024
भाजपा ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का किया था वादा
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव-2022 से पूर्व राज्य की जनता से भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था। इस घोषणा का भारी बहुमत से स्वागत किया गया। परिणामस्वरूप राज्य में भारतीय जनता पार्टी की पुनः सरकार गठित हुई। वादे के मुताबिक पुष्कर सिंह धामी सरकार गठन के तुरंत बाद ही पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया गया और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की। समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, समाजसेवी मनु गौड़, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह व दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल को सम्मिलित किया गया। 22 अगस्त 2022 को दो उप समितियों का गठन किया गया, जिसमें से एक उपसमिति का कार्य “संहिता” का प्रारूप तैयार करने का था, दूसरी उपसमिति का कार्य प्रदेश के निवासियों से सुझाव आमंत्रित करने के साथ ही संवाद स्थापित करना था।
समाज के हर वर्ग से लिए सुझाव, तकनीक का भी लिया सहारा
समिति ने देश के प्रथम गांव माणा से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रदेश के सभी जनपदों में सभी वर्ग के लोगों से सुझाव प्राप्त किये। इस दौरान कुल 43 जनसंवाद कार्यक्रम किये गये और प्रवासी उत्तराखंडी भाई-बहनों के साथ 14 जून 2023 को नई दिल्ली में चर्चा के साथ ही संवाद कार्यक्रम पूर्ण किया गया। समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए समाज के हर वर्ग से सुझाव आमंत्रित करने में तकनीक का सहारा भी लिया। इसके लिये 08 सितम्बर 2022 को एक वेब पोर्टल लांच करने के साथ ही राज्य के सभी नागरिकों से एसएमएस और व्हाट्सअप मैसेज से सुझाव आमंत्रित किये गये।
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समिति को विभिन्न माध्यमों से दो लाख बत्तीस हजार नौ सौ इकसठ सुझाव प्राप्त हुए। जो कि प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत परिवारों के बराबर है। लगभग 10 हजार लोगों से संवाद एवं प्राप्त लगभग 02 लाख 33 हजार सुझावों का अध्ययन करने के लिए समिति की 72 बैठकें आहूत की गई और रिकॉर्ड समय में उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शुक्रवार को रिपोर्ट मुख्यमंत्री धामी को उपलब्ध करायी गयी।(एएमएपी)