उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे में 17वें दिन आखिरकार जिंदगी जीत गई है। दिवाली की सुबह 12 नवंबर से टनल के अंदर फंसे 41 मजदूर सकुशल बाहर निकल आए हैं। टनल के अंदर फंसे मजदूरों की हररोज सुबह होने के साथ ही मौत से जंग शुरू हो जाती थी। टनल के अंदर फंसे सभी मजदूरों का एक दूसरे के लिए साथ किसी संजीवनी से कम नहीं था। जहां सुंरग से बाहर आए 41 श्रमिकों ने राहत की सांस ली वहीं, इनके परिवारों की अटकी सांसों को भी सुकून मिला। श्रमिकों के परिवारों में अब जश्न का माहौल है। दीपावली से फंसे श्रमिकों के परिवारों में पसरा अंधेरा खुशियों का पिटारा साथ ले कर आया है। श्रमिकों के परिवारों ने इस खुशी को दीपावली के तरह मनाया। अत्याधुनिक अमेरिकन ऑगर मशीन से ड्रिलिंग, मैनुअल माइनिंग के साथ ही रैट माइनर्स ने 41 लोगों की जान बचाने को अहम भूमिका निभाई।
#WATCH | Uttarakhand | International tunnel expert Arnold Dix visited Baba Baukh Nag’s temple in Uttarkashi with SDRF workers and appreciated them for their role in rescuing the 41 workers from the Silkyara tunnel. pic.twitter.com/aFqvE5hu3r
— ANI (@ANI) November 29, 2023
प्रधानमंत्री ने जाना मजदूरों का हाल
मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने की दुआएं कबूल हुईं। ऑपरेशन सिलक्यारा के तहत जब आखिरी मजदूर ने टनल से बाहर आकर खुली हवा में सांस ली तो देश में सभी देशवासियों ने भी राहत की सांस ली। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिलक्यारा में 41 श्रमिकों की सकुशल वापसी पर मुख्यमंत्री धामी को फोन कर शुभकामनाएं दीं।
सीएम धामी ने सौंपा 1 लाख का चेक
बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ पहुंचे, जहां सुरंग के निकाले गए 41 मजदूरों को रखा गया है। सीएम ने मजदूरों को एक-एक लाख के चेक दिए। इसके बाद सीएम धामी यहां से लौट गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब एम्स ऋषिकेश में मजदूरों की सघन जांच होगी, इसके बाद उन्हें उनके घर भेजा जाएगा।
Prime Minister Narendra Modi’s endearing call with the 41 rescued workers, who were trapped in the Silkyara tunnel in Uttarkashi, for 17 days… Their grit and perseverance amidst difficult time is a lesson for all. Govt’s determination to rescue them is an example for the world… pic.twitter.com/jasmbNsFB4
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 29, 2023
खरा उतरा डबल इंजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के तालमेल के चलते 17 दिन तक चलने वाले इस अभियान की परिणति सुखद रही है। उत्तराखंड की सत्ता पर भाजपा के काबिज होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डबल इंजन सरकार के जिस फायदे को गिनाया था, वह सिलक्यारा टनल आपदा के दौरान सही साबित हुआ। डबल इंजन इस अभियान में खरा उतरा है। केंद्र-राज्य सरकार के बेहतर तालमेल को सुरंग में फंसे मजदूरों और उन्हें निकालने में जुटे हर व्यक्ति के संयम और संघर्षशीलता ने परवान चढ़ाया।
अब देश के लिए केस स्टडी बनेगा सिलक्यारा सुरंग हादसा
IAF Chinook helicopters which had been standing by, were employed to provide urgent medical evacuation of the 41 trapped workers from Uttarkashi to AIIMS Rishikesh. We are glad that they are all safe. pic.twitter.com/WbST6adLOq
— HQ Western Air Command, IAF (@hqwaciaf) November 29, 2023
बचाव अभियान में अर्नोल्ड की बड़ी भूमिका
इस रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता अर्नोल्ड डिक्स के बिना अधूरी थी। मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने वाले एक्सपर्ट्स में अर्नोल्ड की बड़ी भूमिका है। वह भूमिगत और परिवहन बुनियादी ढांचे में एक्सपर्ट हैं। वह न सिर्फ अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन से जुड़े जोखिमों पर सलाह देते हैं बल्कि उन्हें इसमें महारत हासिल है। अर्नोल्ड जिनेवा के इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के प्रमुख हैं। यह कंपनी अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन के लिए कानूनी, पर्यावरणीय, राजनीतिक और अन्य जोखिमों को लेकर सलाह देती है। अर्नोल्ड 20 नवंबर को इस रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े थे. इसके बाद उन्होंने भारत की मदद करने को लेकर कहा था कि उन्हें अच्छा लग रहा है। डिक्स ने कहा था कि पहाड़ों ने हमें एक चीज सिखाई है कि विनम्र रहना है। अर्नोल्ड डिक्स वही शख्स हैं, जिन्होंने दावा किया था कि सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को क्रिसमस से पहले निकाल लिया जाएगा। (एएमएपी)