टनल में वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए चार स्थानों की हुई पहचान
#WATCH | Uttarkashi, Uttarakhand tunnel rescue | Disaster Management Secretary Ranjit Sinha says, “We are inserting a 900mm diameter pipe with the help of the Auger machine. We have reached 22 meters and we are going ahead rapidly. There is a lifeline pipe for sending food and… pic.twitter.com/ioSWaCrM9G
— ANI (@ANI) November 19, 2023
गडकरी और धामी ने लिया जायजा
रविवार को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुबह उत्तरकाशी के सिलक्यारा में रेस्क्यू कार्यों का जायजा लेने के लिए पहुंच गए हैं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने के बाद वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हेलिकॉप्टर से उत्तरकाशी पहुंचे। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सिलक्यारा सुरंग का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद अब तक के कार्यों और प्लानों की समीक्षा कर रहे हैं। हालांकि सिलक्यारा सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए चार अस्थायी मार्गों को तैयार कर लिया गया है। इसके बाद ऊपर एक पोकलैंड मशीन पहुंची है। सुरंग में फंसे मजदूर के रेस्क्यू में अभी चार से पांच दिन और लग सकते हैं।
पहाड़ के ऊपर और साइड से होगी ड्रिलिंग
सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब पहाड़ के ऊपर और साइड से ड्रिलिंग होगी। वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए चार स्थानों की पहचान की गई है, वहां तक पहुंचने के लिए ट्रैक बनाने का काम सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंपा गया है। विदेशी विशेषज्ञों की मदद से पांच विकल्पों पर केंद्र और राज्य की छह टीमें आज से काम शुरू कर रही हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी सीएम पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड के मुख्य सचिव के साथ सिलक्यारा पहुंचे हैं जहां एनएचआरटीसीएल एवं जिला प्रशासन सहित तमाम एक्सपर्ट के साथ बैठक कर रहे हैं।
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सुरंग के बाहर बौखनाग देवता का मंदिर स्थापित
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए तकनीक के साथ आस्था का भी सहारा लिया जा रहा है। क्षेत्र के ग्रामीणों के दबाव पर अब कंपनी प्रबंधन ने सुरंग के बाहर बौखनाग देवता का मंदिर स्थापित किया गया है। पहले इस मंदिर को हटाकर सुरंग के अंदर कोने में स्थापित किया गया था। (एएमएपी)