बोंली- इतना अपमान किसी ने नहीं किया
राजे ने देर शाम एक बयान जारी किया और गहलोत के आरोपों को नकारा। उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से गृहमंत्री अमित शाह पर लगाए गए आरोपों को झूठ बताते हुए अपने अपमान का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह गहलोत ने उनका अपमान किया ऐसा राजस्थान में किसी ने अब तक नहीं किया था। वसुधरा ने कहा, ‘गहलोत का बयान मेरे खिलाफ साजिश है। गहलोत के जितना किसी ने मेरा अपमान नहीं किया है। विधानसभा चुनाव में हार के डर से वह झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने ऐसे झूठे आरोप अपने ही पार्टी में बगावत से विचलित होकर लगाए हैं।’

इससे पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी गहलोत के दावों को झूठा करार दिया था और पूछा कि उन्होंने केस क्यों नहीं दर्ज कराया है? गहलोत ने वसुंधरा का साथ मिलने की बात ऐसे समय पर कही है जब उनकी पार्टी के ही नेता और पूर्व उपमुख्यंत्री सचिन पायलट दोनों नेताओं के बीच मिलीभगत के दावे कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत की ओर किए गए दावों ने राजस्थान की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। राजनीतिक के जादूगर कहे जाने वाले वाले गहलोत के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। एक तरफ जहां इसे सचिन पायलट पर हमले के रूप में देखा जा रहा है तो दूसरी तरफ वसुंधरा राजे को भी भाजपा में अहसज करने के प्रयास के तौर पर बताया जा रहा है। सचिन पायलट की प्रतिक्रिया पर भी नजरें टिकी हुई हैं।
गौरतलब है कि जुलाई 2020 में अशोक गहलोत के तब उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट ने 18 वफादार विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। एक महीने तक चले राजनीतिक संकट का अंत राहुल गांदी और प्रियंका गांधी वाड्रा के हस्तक्षेप से हुआ था। बाद में पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। रविवार को राजे के गृहक्षेत्र धौलपुर में गहलोत ने दावा किया कि वसुंधरा राजे, पूर्व विधानसभा स्पीकर कैलाश मेघवाल और विधायक शोभारानी कुशवाहा को पता था कि उनकी पार्टी के कुछ लोग सरकार गिरा रहे हैं। लेकिन उन्होंने उनका साथ देने से इनकार कर दिया और कांग्रेस सरकार को गिरने से बचा लिया था।(एएमएपी)



