राजस्थान संकट का हल ढूंढने में जुटी कांग्रेस।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ चंद दिनों के बाद राजस्थान पहुंचने वाली है। उसके पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही लड़ाई पार्टी के लिए सिर-दर्द बन गई है। इस मुद्दे के चलते पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल 29 नवंबर को जयपुर जा रहे हैं। इस बीच, सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान संकट को कब हल किया जाए, इस पर भी अपना मूड बना लिया है।केसी वेणुगोपाल ने कहा कि “राजस्थान में कोई संघर्ष नहीं है। पार्टी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से राजस्थान कांग्रेस की ताकत दिखाएगी।” सूत्रों के मुताबिक भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल और प्रियंका से मुलाकात कर दिल्ली आए वेणुगोपाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से राजनीतिक संकट पर चर्चा की। उसके बाद 29 नवंबर को वेणुगोपाल की आगामी जयपुर यात्रा तय की गई।

जानकारी के अनुसार जयपुर दौरे के दौरान वेणुगोपाल भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान चरण के लिए गठित समितियों की बैठक करेंगे, जिसमें अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों ने बताया, इस दौरान वह दोनों से अलग-अलग बात कर मसले का हल निकालने का भी प्रयास करेंगे और भारत जोड़ो यात्रा के दौरान किसी भी तरह की बयानबाजी या अनुशासनहीनता से दूर रहने की कड़ी चेतावनी भी देंगे।

इससे पहले अशोक गहलोत जब दिल्ली आए और 25 सितंबर को जयपुर में समानांतर बैठक के लिए सोनिया गांधी से मिलने के बाद माफी मांगी तो वेणुगोपाल भी संगठन के महासचिव के रूप में बैठक में मौजूद थे। 10 जनपथ से बाहर निकलते हुए वेणुगोपाल ने कहा था, ”राजस्थान में नेतृत्व के सवाल का समाधान 2 से 3 दिनों में हो जाएगा।” लेकिन तब से दो महीने बीत चुके हैं और गहलोत और पायलट के बीच ताजा खींचतान से मामला और उलझ गया। इस बीच, सूत्रों के अनुसार पायलट पार्टी आलाकमान पर नेतृत्व का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कथित तौर पर आलाकमान को विधायकों का गुप्त वोट करने और अगले नेता पर फैसला करने के लिए कहा है, क्योंकि गहलोत दावा करते रहे हैं कि विधायक उनके साथ हैं। सूत्रों का दावा है कि सचिन ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए कहा कि गहलोत को हटाए जाने पर सरकार नहीं गिरेगी।

जानिए कब होगा राजस्थान संकट पर फैसला!

राजस्थान में पार्टी पॉलिटिक्स ने कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है, क्योंकि पार्टी अभी सिर्फ दो ही राज्यों में है। राजस्थान मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं किए जाने के पीछे एक वजह यह भी है कि गहलोत ने गुजरात चुनाव की कमान संभाली हुई है और अगले कुछ दिनों में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा भी राजस्थान में प्रवेश करने वाली है। ऐसे में राजस्थान संकट को लेकर तुरंत कोई बड़ा कदम उठाने से पार्टी बच रही है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गुजरात चुनाव के बाद ही राजस्थान मुद्दे को सुलझाने के मूड में हैं। इसी वजह से आलाकमान के दूत के रूप में संगठन के महासचिव वेणुगोपाल स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए 29 नवंबर को जयपुर जा रहे हैं। (एएमएपी)