प्रधानमंत्री मोदी सहित कांग्रेस नेताओं ने जताया शोक

सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील और देश के पूर्व एएसजी फली एस नरीमन का 95 साल की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। वह इंदिरा सरकार के समय देश के एडिशन सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) रहे। उनके निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया । मोदी ने कहा कि श्री फली नरीमन जी सबसे उत्कृष्ट कानूनविद और बुद्धिजीवियों में से थे। उन्होंने अपना जीवन आम नागरिकों के लिए न्याय सुलभ कराने के लिए समर्पित कर दिया। उनके निधन से मुझे दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।नरीमन ने दिल्ली में आखिरी सांस ली। नरीमन का वकील के तौर पर 70 साल से ज्यादा का अनुभव रहा। नवंबर 1950 में फली एस।

नरीमन बॉम्बे हाई कोर्ट में वकील के तौर पर रजिस्टर्ड हुए। उन्हें 1961 में वरिष्ठ वकील का दर्जा दिया गया। बॉम्बे हाई कोर्ट के बाद नरीमन ने 1972 से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। वे मई 1972 में भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्त हुए।

पद्म भूषण से हो चुके सम्मानित

नरीमन को जनवरी 1991 को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 2007 में उन्हें पद्म भूषण दिया गया। वे 1991 से 2010 तक बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनका कद काफी ऊंचा रहा। नरीमन 1989 से 2005 तक इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स की अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता कोर्ट के उपाध्यक्ष भी रहे। वे 1995 से 1997 तक जिनेवा के कानूनविदों के अंतरराष्ट्रीय आयोग की एग्जीक्यूटिव कमेटी के अध्यक्ष भी रहे।

मनु सिंघवी ने जताया दुख

नरीमन के निधन पर कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, “यह एक युग का अंत है। एक दिग्गज जो हमेशा कानून और सार्वजनिक तौर पर लोगों के दिल और दिमाग में रहेगा। इसके ऊपर वह अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे। यह गुण उनके प्रतिभाशाली बेटे के पास भी है।” नरीमन को याद करते हुए सिंघवी ने कहा,’नरीमन ने कहा था कि इंसानों की गलती पर ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ सेंटेंस का इस्तेमाल घोड़ों का अपमान है। घोड़ा बहुत वफादार जानवर है। वह इतिहास के गूढ़ रहस्य खोज निकालते थे और बोलते समय अपनी बुद्धि से उन्हें बेहतरीन ढंग से पेश करते थे।’

कपिल सिब्बल ने भी दी श्रद्धांजलि

कांग्रेस नेता और सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने भी उनके निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें भारत का महान सपूत बताया। सिब्बल ने कहा,’नरीमन न केवल हमारे देश के सबसे महान वकीलों में से एक थे, बल्कि वह बेहतरीन इंसान भी थे। वे सबके लिए एक महान व्यक्ति की तरह खड़े रहते थे। उनके बिना कोर्ट के गलियारे कभी भी पहले जैसे नहीं रहेंगे। उसकी आत्मा को शांति मिलें।’

नहीं रहे आवाज के जादूगर अमीन सयानी, मशहूर रेडियो प्रोग्राम ‘गीतमाला’ से बनी थी पहचान

इंदिरा सरकार के फैसले के खिलाफ छोड़ा पद

नरीमन अपने लंबे कानून करियर में कई बड़े और ऐतिहासिक मामलों का हिस्सा रहे। कहा जाता है कि 1975 में इमरजेंसी के फैसले को लेकर वे खुश नहीं थे। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, नरीमन ने इंदिरा की सरकार की ओर से लगाए गए आपातकाल के विरोध में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया पद से इस्तीफा दे दिया था। फली एस नरीमन के बेटे रोहिंटन नरीमन सीनियर एडवोकेट रह चुके हैं। वे सुप्रीम कोर्ट में जज हैं।  (एएमएपी)