अष्टविनायक मंदिर
इस गणेश चतुर्थी आप परिवार के साथ महाराष्ट्र स्थित अष्टविनायक मंदिर में दर्शन के लिए जरूर जाएं। इस मंदिर का विशेष महत्त्व है और यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान यहां भगवान गणेश के दर्शन और पूजा करने को बेहद शुभ माना जाता है और भक्तों की सभी मनोइच्छाएं पूरी होती हैं। वैसे भी गणपति उपासना के लिए अष्टविनायक मंदिरों का विशेष महत्त्व बताया गया है।
ये मंदिर पुणे में स्थित है। अष्टविनायक का अर्थ आठ गणपति होता है। ये अष्टविनायक मंदिर मोरगांव में मयूरेश्वर, सिद्धटेक में सिद्धिविनायक, पाली में बल्ललेश्वर, लेन्याद्री में गिरिजात्मक, थुर में चिंतामणि, ओझर में विग्नेश्वर, रंजनगांव में महागणपति और अंत में महाद में वरद विनायक हैं। ये सभी मंदिर बेहद प्राचीन हैं। यह भगवान गणेश के स्वयंभू मंदिर है। मान्यता है कि इन स्थानों में भगवान गणेश स्वयं प्रकट हुए हैं।
चिंतामण गणेश मंदिर
भगवान गणेश का यह मंदिर महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में है। यहां देशभर से श्रद्धालु आते हैं। इस गणेश चतुर्थी पर आप अपने परिवार सहित यहां भगवान गणेश के दर्शन करने जा सकते हैं। यहां गर्भगृह में प्रवेश करते ही गणपति की तीन प्रतिमाएं दिखती हैं। पहली चिंतामण, दूसरी इच्छामन और तीसरी सिद्धिविनायक गणेश।
खजराना गणेश मंदिर
यह गणेश मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में है। मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्वयंभू है। देश के कोने-कोने से यहां गणेश भक्त दर्शन के लिए आते हैं। इस दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ एकत्रित होती है।
रणथंबौर गणेश मंदिर
यह गणेश मंदिर राजस्थान के रणथंबौर में है। देश और दुनिया से यहां भक्त भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं। यहां श्रद्धालु भगवान गणेश के त्रिनेत्र स्वरूप के दर्शन करते हैं। यह मंदिर करीब 1000 साल पुराना बताया जाता है। राजस्थान के रणथंभौर में बना यह गणेश मंदिर भारत में ही नहीं, दुनिया में पहला गणेश मंदिर माना जाता है। इस मंदिर में गणेश जी की त्रिनेत्री प्रतिमा विद्यमान है। यह प्रतिमा स्वयं भू प्रकट है। खास बात यह है कि राजस्थान का यह पहला गणेश मंदिर है, जहां गणपति जी का पूरा परिवार उनके साथ है। गणेश जी की पत्नी रिद्धि और सिद्धि और दो पुत्र शुभ-लाभ भी इस मंदिर में मौजूद हैं। दूर-दूर से लोग अपनी मनोकामना हेतु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
डोडा गणपति मंदिर
डोडा गणपति मंदिर कर्नाटक के बंगलूर में है। दक्षिण भारत के सबसे अद्भुत मंदिरों में गणेश जी का डोडा गणपति मंदिर भी शामिल है। डोडा का अर्थ है बड़ा। अपने नाम के अनुरूप बंगलूर में स्थित इस मंदिर में गणेश जी की 18 फुट ऊंची और 16 फुट चौड़ी प्रतिमा है। इस प्रतिमा को काले ग्रेनाइट की एक ही चट्टान पर उकेर कर बनाया गया है। लोगों की इस मंदिर में अटूट श्रद्धा है।(एएमएपी)