भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की रेस से पीछे हट गए हैं। इस साल के अंत में होने वाला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव वह नहीं लड़ेंगे। आयोवा के रिपब्लिकन कॉकस में खराब प्रदर्शन के बाद 38 वर्षीय रामास्वामी ने यह फैसला लिया। इस वोटिंग में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली है। बायोटेक उद्यमी रामास्वामी ने घोषणा की कि वह चुनावी अभियान से बाहर हो रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘मेरे राष्ट्रपति बनने का कोई रास्ता नहीं है, इसलिए मैं अपना कैंपेन खत्म कर रहा हूं। मैंने डोनाल्ड ट्रंप को यह बताने के लिए फोन किया कि मैं उन्हें उनकी जीत पर बधाई देता हूं।’ उन्होंने ट्रंप को समर्थन देने का भी ऐलान किया है।

रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की रेस में अब बचे हैं ये तीन लोग

विवेक रामास्वामी के इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की दावेदारी से हटने के बाद अब इस रेस में डोनाल्ड ट्रंप के अलावा निक्की हेली और रोन देसांतिस ही बचे हैं। विवेक रामास्वामी इन तीनों से पीछे चल रहे थे और अब आयोवा कॉकस के नतीजों में पिछड़ने के बाद विवेक रामास्वामी ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया है। विवेक रामास्वामी अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य में अंजान चेहरा थे, लेकिन फरवरी 2023 में अपनी उम्मीदवारी के एलान के बाद विवेक रामास्वामी ने रिपब्लिकन मतदाताओं का ध्यान अपनी तरफ खींचा।

क्या होता है आयोवा कॉकस?

कॉकस का आयोजन स्कूल, टाउन हॉल जैसी सार्वजनिक जगहों पर किया जाता है, जिसमें उम्मीदवारों के चयन को लेकर रजिस्टर्ड पार्टी मेंबर्स जुटते हैं और समर्थन देने या देने पर चर्चा की जाती है। कॉकस में चुनाव लेने वाले लोग अपने डेलिगेट्स का चुनाव करते हैं, फिर ये डेलिगेट्स कन्वेंशन स्तर पर अपने उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते हैं।

इस कारण चर्चा में आये थे रामास्वामी

रामास्वामी इमीग्रेशन पर अपने कड़े विचारों और अमेरिका फर्स्ट की अपनी नीति के चलते मतदाताओं के बीच थोड़े ही समय में काफी लोकप्रिय हो गए थे। हालांकि अब रामास्वामी राष्ट्रपति पद की रेस में बुरी तरह से पिछड़ रहे थे। आयोवा कॉकस में भी रामास्वामी चौथे स्थान पर रहे और उन्हें महज 7.7 फीसदी वोट ही मिले। विवेक रामास्वामी ने कहा था कि अगर वे देश के राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वे अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेज देंगे। उन्होंने दो टूक कहा था कि अमेरिका में जो भी गैरकानूनी रूप से रह रहा है, उन पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। उन्हें उनके देश भेजा जाएगा। हम इन अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। साथ ही उनके बच्चों की नागरिकता भी खत्म करेंगे।

उत्तर कोरिया ने दागी बैलिस्टिक मिसाइल, कई देशों की उड़ी नींद

ट्रंप ने रामास्वामी को बताया था ‘कपटी’

विवेक रामास्वामी एक अरबपति बिजनेसमैन हैं और एक बायोटेक कंपनी के प्रमुख हैं। रामास्वामी के माता-पिता भारत के केरल के निवासी थे, जो अमेरिका में बस गए थे। रामास्वामी का जन्म अमेरिका के ओहियो प्रांत में हुआ। चुनाव प्रचार के शुरुआती चरण में विवेक रामास्वामी ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की और खुद को ट्रंप का करीबी दिखाने की कोशिश की। ट्रंप ने भी रामास्वामी का समर्थन किया था। हालांकि बीते दिनों रामास्वामी के प्रचार अभियान टीम की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इंटरनेट पर सिलसिलेवार पोस्ट किए गए, जिनसे डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम नाराज हो गई। इसके बाद ट्रंप ने भी रामास्वामी को कपटी करार देकर उनकी तीखी आलोचना की थी। (एएमएपी)