एक ही तरह से खेलेंगे तो विकास नहीं होगा।

अब टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाज़ अधिक चौके-छक्के मारने के मौके तलाश रहे हैं। रन रेट बढ़े हैं। आक्रामकता, मज़बूत इरादा और ‘बैज़बॉल’। हाल के समय में टेस्ट क्रिकेट का यही रंग रहा है। और भारतीय टीम इस तरह की विचार पद्धति के सबसे आगे और केंद्र में रहा है। बांग्लादेश के ख़िलाफ़ कानपुर में दूसरे टेस्ट में उनका अति-आक्रामक रुख इस तरह की सोच का सटीक उदाहरण है, जहां उन्होंने 34.4 ओवर में 285 रन बनाकर मैच पलट दिया था। भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर भी जीत हासिल करने की इस रणनीति और आक्रामक खेल के सिद्धांत में विश्वास रखते हैं। हालांकि वह यह भी मानते हैं कि टेस्ट क्रिकेट में अनुकूलन क्षमता सबसे महत्वपूर्ण है।

एईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार गंभीर ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट से पहले बेंगलुरु में कहा, “हम ऐसी टीम बनना चाहते हैं जो एक दिन में 400 रन बना सके, और टेस्ट ड्रॉ करने के लिए दो दिन तक बल्लेबाजी कर सके। इसी को आप विकास कहते हैं, इसे ही आप अनुकूलन कहते हैं और इसे आप टेस्ट क्रिकेट कहते हैं। यदि आप केवल एक ही तरीक़े से खेलते हैं, तो विकास नहीं होता। मैं विश्व क्रिकेट की बात नहीं कर सकता। हर टीम की अपनी विचारधाराएं होती हैं, टेस्ट क्रिकेट खेलने के अपने तरीके होते हैं। मैं केवल अपनी टीम की बात कर सकता हूं। यदि हम कभी ऐसी स्थिति में होते हैं, जहां हमें टेस्ट ड्रॉ करने के लिए दो दिन तक बल्लेबाज़ी करनी पड़े, तो हमारे ड्रेसिंग रूम में ऐसे खिलाड़ी हैं जो दो दिन तक बल्लेबाज़ी कर सकते हैं।”

“आख़िरकार हमारा पहला मक़सद मैच जीतना है और फिर अगर ऐसी स्थिति आती है जहां टीम को ड्रॉ के लिए खेलना हो, तो हमें वह विकल्प भी खुले रखने होंगे। यही वह विचारधारा है, जिसके साथ हम टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं।” गंभीर ने “ज़्यादा जोखिम, ज़्यादा इनाम” के दृष्टिकोण का भी समर्थन किया और यहां तक कहा कि अगर भारत 100 रन पर भी सिमट जाता है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि वे चाहते हैं कि बल्लेबाज़ अपना स्वाभाविक खेल खेलें और टेस्ट क्रिकेट में किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें।

गंभीर ने कहा, “हम चाहते हैं कि लोग आक्रामक हों, हम चाहते हैं कि लोग मैदान पर जाकर अपना स्वाभाविक खेल खेलें। अगर वे अपना स्वाभाविक खेल खेल सकते हैं, अगर वे एक दिन में 400-500 रन बना सकते हैं, तो क्यों नहीं? हम इसी तरह खेलेंगे – ज़्यादा जोखिम, ज़्यादा इनाम, ज़्यादा जोखिम, ज़्यादा असफलता। ऐसे दिन भी आएंगे जब हम 100 रन पर सिमट जाएंगे, लेकिन हम अपने खिलाड़ियों का समर्थन करते रहेंगे।”

“हम इसी तरह से खेलना चाहते हैं और इसी तरह इस देश के लोगों का मनोरंजन करना चाहते हैं, और टेस्ट क्रिकेट में किसी भी स्थिति में परिणाम हासिल करना चाहते हैं।” भारत न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तीन मैचों की सीरीज़ में एक बेहतरीन आत्मविश्वास के साथ प्रवेश कर रहा है। वे घरेलू मैदान पर लगातार छह मैच जीत चुके हैं, जो इस साल फ़रवरी से शुरू हुआ था और वे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की अंक तालिका में शीर्ष पर हैं। दूसरी ओर न्यूज़ीलैंड का उपमहाद्वीप दौरे की शुरुआत अच्छी नहीं रही है। ग्रेटर नोएडा में अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ उनका टेस्ट मैच बिना एक गेंद फेंके धुल गया, और उसके बाद श्रीलंका में उन्हें 2-0 से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा हाल के समय में न्यूज़ीलैंड का स्पिन के ख़िलाफ़ रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है और वे वर्तमान में अंक तालिका में छठे स्थान पर हैं। इसके बावजूद गंभीर किसी भी तरह से न्यूज़ीलैंड को हल्के में नहीं ले रहे हैं और मानते हैं कि उनकी टीम में ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी टीम को हरा सकते हैं।

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि न्यूज़ीलैंड का सामना करना एक पूरी तरह से अलग चुनौती है। हम जानते हैं कि वे बहुत ही अच्छी टीम हैं। उनके पास कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं। उनके पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो हमें नुक़सान पहुंचा सकते हैं। इसलिए हम उनका सम्मान करते हैं, लेकिन हम किसी से डरते नहीं हैं। मैंने कई बार कहा है कि हम हमेशा हर विपक्षी टीम का सम्मान करेंगे। हम निःस्वार्थ रहना चाहते हैं। हम मैदान पर आक्रामक हो सकते हैं लेकिन जब मैच खत्म हो जाए, तो हम जितने हो सके विनम्र बनना चाहते हैं।”

74.24% अंकों के साथ भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) अंक तालिका में शीर्ष पर है। हालांकि एक सीरीज़ जीत उन्हें WTC फ़ाइनल में भले ही स्थान पक्का नहीं करेगी, यह उनके लिए चीज़ों को आसान बना देगी। ख़ासकर यह देखते हुए कि वे अगली पांच मैचों की सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया का सामना करेंगे। हालांकि गंभीर भविष्य के WTC फ़ाइनल या ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ को लेकर ज़्यादा दूर की नहीं सोच रहे हैं, वे बस न्यूज़ीलैंड सीरीज़ पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। गंभीर ने हंसते हुए कहा, “देखिए, पहली बात यह है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जून [2025] में है। और दूसरी बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच 22 नवंबर को है। अभी हमारे दिमाग में सिर्फ़ आगामी टेस्ट सीरीज़ है और कुछ नहीं।

“जब आप अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हैं, तो आप यह नहीं सोचते कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के पांच टेस्ट मैचों के लिए कैसे तैयारी करनी है या वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल के लिए कैसे तैयारी करनी है। अभी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 16 नवंबर को सुबह 9:30 बजे के लिए तैयार होना। यह अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि आप इतनी दूर की नहीं सोचते। जो भी मैच आप अपने देश के लिए खेलते हैं, आप उसे जीतने की कोशिश करते हैं, चाहे विपक्षी टीम कोई भी हो, चाहे प्रतिद्वंद्वी कोई भी हो, और चाहे वह सीरीज़ किसी भी स्थिति हो। चाहे न्यूज़ीलैंड हो या ऑस्ट्रेलिया, हम हर मैच में अपने देश के लिए जीतने की कोशिश करेंगे।”

गंभीर ने पहले टेस्ट के लिए टीम संयोजन को लेकर अपने पत्ते छिपाए रखे, लेकिन इस बात पर ज़ोर दिया कि टीम के किसी भी खिलाड़ी को बाहर नहीं किया गया है। जब उनसे बांग्लादेश के ख़िलाफ़ हाल के टेस्ट में कुलदीप यादव की अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया, तो गंभीर ने कहा कि अंतिम इलेवन का चयन पिच और परिस्थितियों के आधार पर किया जाता है। गंभीर ने कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि हम किसी को बाहर नहीं रखते, हम केवल उसी प्लेइंग इलेवन का चयन करते हैं जो हमारे लिए काम कर सके। और निश्चित रूप से हमारे पास बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, केवल कुलदीप ही नहीं, हमारे पास और भी बहुत कई क्वालिटी गेंदबाज़ और खिलाड़ी हैं।

“अंतिम इलेवन परिस्थितियों पर निर्भर करती है, विकेट पर निर्भर करती है, और विपक्षी टीम पर भी निर्भर करती है। हमारे ड्रेसिंग रूम की सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे पास कई उच्च गुणवत्ता वाले खिलाड़ी हैं। हम उनमें से किसी को भी चुन सकते हैं और हमें पता है कि वे हमारे लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। और यही सबसे अच्छी बात है। और इसी को हम गहराई कहते हैं। हम कल विकेट का निरीक्षण करेंगे। मैं और रोहित बात करेंगे और देखेंगे कि चिन्नास्वामी स्टेडियम में कौन सा संयोजन कारगर साबित हो सकता है।”