#pradepsinghप्रदीप सिंह।
आप पत्थर पर सिर मारेंगे तो पत्थर नहीं टूटेगा, सिर ही टूटेगा।
यह नरेंद्र मोदी और मुसलमान की जंग पूरी तरह से एक फर्जी नेरेटिव है।
इस नेरेटिव को हम सही मानते अगर नरेंद्र मोदी के आने से पहले देश में हिंदू और मुसलमान दोनों बहुत भाईचारे के साथ रह रहे होते। आप सोचिए अगर ऐसे रह रहे होते तो इस देश का विभाजन क्यों होता?
भारत के इतिहास में जिस व्यक्ति ने हिंदू मुसलमान एकता के लिए, हिंदुओं और मुसलमानों में भाईचारे के लिए सबसे ज्यादा काम किया, उसका नाम है महात्मा गांधी। सुनी क्या उसकी बात।
इसके अलावा जब तक यह फर्क रहेगा मोमिन और काफ़िर का… दारुल इस्लाम और दारुल हरम का… यह मामला सुलझने वाला नहीं है।
1951 में जनसंघ बनी और 1925 में बना आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ।
अगर कोई यह कहे कि 1925 से पहले भारत में कोई दंगा नहीं हुआ तो हम मान लेंगे कि भारत में इसके लिए आरएसएस और जनसंघ जिम्मेदार हैं। दरअसल, उनको बहाना चाहिए। कुछ लोगों को हमेशा एक दुश्मन चाहिए होता है… और दुश्मन अगर नहीं है तो दुश्मन पैदा किया जाता है। जैसे जब विश्वनाथ प्रताप सिंह कांग्रेस से निकल कर आए तो हम लोगों ने जॉर्ज फर्नांडीज से पूछा कि अगर वीपी सिंह नहीं होते तो आप लोग क्या करते? जॉर्ज फर्नांडीज ने जो जवाब दिया वह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जवाब दिया कि- ‘तब हम एक बीपी सिंह को इन्वेंट करते।’ यानी गढ़ते या ईजाद करते।
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक और ‘आपका अख़बार’ के संपादक हैं)