अयोध्या में भगवान रामलला की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भगवान की विग्रह प्रतिमा के अभिषेक हेतु देवभूमि उत्तराखंड की 28 पवित्र नदियों का जल अयोध्या भेजा गया है। गंगा, अलकनन्दा, भागीरथी, विष्णु गंगा, मंदाकिनी, यमुना, राम गंगा, गोरी गंगा, काली गंगा, कोसी, पिंडर नदी आदि का जल भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय पूजन विधि में उपयोग किया जाएगा।

देवभूमि उत्तराखंड की पवित्र नदियों के जल से भरा जल कलश विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखंड के प्रांत कार्यालय हरिद्वार लाया गया। प्रांत कार्यालय पर पवित्र जल कलश का विधिवत पूजन–अर्चन कर आरती की गई। पवित्र जल कलश को अयोध्या पहुंचाने की जिम्मेदारी एक संक्षिप्त कार्यक्रम में सोहन सिंह सोलंकी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री मेरठ क्षेत्र तथा अजय कुमार, प्रांत संगठन मंत्री, उत्तराखंड ने संयुक्त रूप से रंदीप पोखरिया प्रान्त सहमंत्री विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखंड को सौंपी।

पर्यटकों की पसंदीदा जगह झारखंड, सरकार को भी मिलता है अच्‍छा राजस्व

विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री सोहन सिंह सोलंकी ने बताया कि उत्तराखंड की 28 पवित्र नदियों के पवित्र जल को अयोध्या भेज जा रहा है। भगवान रामलला की विग्रह मूर्ति का अभिषेक देश की प्रमुख व पवित्र नदियों और जलस्रोतों से एकत्र जल से किया जाएगा। देश के सभी प्रांतों से औसतन 200 ग्राम जल तांबे के बर्तन में धार्मिक अनुष्ठान के बाद रखकर अयोध्या भेजा जा रहा है। अयोध्या में संग्रहित जल को एक टैंक में सुरक्षित किया जाएगा, तत्पश्चात इस पवित्र जल से भगवान रामलला का अभिषेक किया जाएगा।(एएमएपी)