‘पता नहीं शैतान ने महिला के तौर पर मुझे नंगा कब कर दिया’
डॉ. मयंक चतुर्वेदी।
सना खान बॉलीवुड इंडस्ट्री की बोल्ड एक्ट्रेसेस में से एक रही है। कल तक इन अभिनेत्री जी को अपना शरीर दिखाने में कोई एतराज नहीं था, क्योंकि इन पर शैतान हावी था। इस दौर में इनके फोटोशूट काफी वायरल होते थे। लेकिन एक दिन अचानक एक्ट्रेस ने इंडस्ट्री छोड़ने के अपने फैसले से फैंस को चौंका दिया। सना ने अचानक से ग्लैमर वर्ल्ड छोड़ा और मजहब का रास्ता चुन लिया। हालांकि उनके इस निर्णय से किसी को कोई आपत्ति नहीं है, किंतु हाल ही में सना जब रुबीना दिलैक के शो ‘किसी ने बताया नहीं’ के नए सीजन में पहुंचीं और उनसे पूछे गए एक प्रश्न का जो जवाब उन्होंने दिया है, वह बहुत हेरान करने वाला है।
जब रुबीना दिलैक ने सना खान से पूछा कि आपने कब अपने मजहब को अपनाने के बारे में सोचा? तो इस पर सना बोलीं कि ‘कभी कभी हम बातें तो अच्छी लोगों से करते हैं, पर हमारा बॉडीलैंग्वेज वेलकमिंग नहीं होता है। मैं खुद से सवाल करने लग गई थी कि मैं खुश क्यों नहीं हूं- मेरी जर्नी फुल स्लीव से बैकलेस तक कब आ गई- मुझे पता ही नहीं चला कि शैतान ने मुझे एक महिला के तौर पर नंगा कब कर दिया। मुझे लगा था कि मैं खो गई हूं, सलवार-कमीज पहनकर, तेल लगाकर दो चोटी बनाकर कॉलेज जाने वाली लड़की ने कब शॉर्टकट और बैकलेस स्टेज पकड़ लिया। सच कहूं तो मुझे रोना आता है।’
अब उनके कहे को जरा गौर से देखिए और पढ़कर समझिए। आखिर वह इस शो के जरिए इस्लाम का कैसा प्रचार कर गईं और उन सभी गैर मुसलमानों, हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध एवं अन्य जो कि अब्राहमिक पंथों को नहीं मानते, उन सभी के शैतान के आगोश में होने का संदेश दे गईं। यहां उन्होंने अपने मजहब के फेवर में गजब का नेरेटिव गढ़ा है!
वस्तुत: शैतान की अवधारणा एवं इसकी पूरी कहानी को सभी को जानना चाहिए। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका में शैतान की परिभाषा स्पष्ट कर दी गई है। इसमें उपलब्ध जानकारी के अनुसार ”शैतान, तीन प्रमुख अब्राहमिक रिलीजन (यहूदी, ईसाई और इस्लाम ) में, बुरी आत्माओं का राजकुमार और (अल्लाह) ईश्वर का विरोधी है। शैतान को पारंपरिक रूप से एक दूत (या कभी-कभी इस्लाम में एक जिन्न ) के रूप में समझा जाता है, जिसने (अल्लाह) ईश्वर के खिलाफ विद्रोह किया और जो मानव जाति के निर्माण से पहले अन्य “पतित” स्वर्गदूतों के साथ स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया था ।”
कुरान में उनके बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। 57 आयतों में उनका ज़िक्र है। सूरत अल-अराफ़ [7:11-27] आगे बताती है कि कैसे शैतान ने आदम को अल्लाह की अवज्ञा करने के लिए लुभाया, और मानव जाति को शैतान और उसके प्रलोभन से सावधान रहना चाहिए। इसी प्रकार से यहेजकेल 28:14–18 और यशायाह 14:12-17 इस समझ का समर्थन करने वाले मुख्य शास्त्र अंश हैं। नए नियम में , लूका 10:18 में यीशु कहते हैं कि उन्होंने शैतान को बिजली की तरह स्वर्ग से गिरते देखा। तीनों प्रमुख अब्राहमिक रिलीजन में, शैतान की पहचान उस इकाई ( एक साँप) के रूप में की गई है जिसने ईव को ईडन गार्डन में निषिद्ध फल खाने के लिए लुभाया और इस प्रकार मानव जाति के पतन का उत्प्रेरक था। (इस्लाम में शैतान के बारे में अधिक चर्चा के लिए, इब्लीस देखें। यहूदी लोककथाओं में शैतान के बारे में अधिक चर्चा के लिए, सामेल देखें।) एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका का कहना है कि शैतान, ईश्वर और मसीह के कट्टर दुश्मन के रूप में है, जो प्रकाश के दूत का वेश धारण करता है। वह लोगों में प्रवेश कर सकता है और उनके माध्यम से कार्य करता है।
कुल मिलाकर कहना यही है कि अब्राहमिक रिलीजन (यहूदी, ईसाई और इस्लाम) के अनुसार वे सभी शैतान के आगोश में हैं जो कि इन रिलीजन (मजहब) के बाहर हैं। जिस तरह से साक्षात्कार के दौरान सना खान ने ‘शैतान’ को लेकर अपनी बात रखी और अपने बचपन के बिताए पलों के साथ फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद वहां के अनुभव की तुलना की है, उससे साफ नजर आता है कि जो भी इन अब्राहमिक मतों को नहीं मानता, वह शैतान के आगोश में है। अब सोचने वाली बात यह है कि उन तमाम विचारधाराओं, दर्शनों, दृष्टियों का अपने अस्तित्व को बनाए रखने का कितना बड़ा संकट आज खड़ा दिखाई दे रहा है, जिनका विश्वास उनके इस्लामिक, ईसाईयत या अन्य अब्राहमिक मतों में नहीं है। क्योंकि हर तरफ से किसी न किसी रूप में वार यही हो रहा है कि जो कुछ भी तुम हो, वह सही नहीं यदि अब्राहमिक के बाहर हो। अब्राहमिक मत ही स्वर्ग और जन्नत का रास्ता है! जबकि ये कहना उतना ही बड़ा जूठ है जितना कि यह कि अब्राहमिक रिलीजन कभी कन्वर्जन नहीं करते और सभी शांति के पुजारी हैं। इसलिए किसी को भी शैतान के बहाने सना खान के प्रस्तुत इस नेरेटिव में फंसने की जरूरत नहीं है।
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