केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट।

apka akhbar-ajayvidyutअजय विद्युत । 
कोरोना की दूसरी लहर ने देश को बुरी तरह झकझोरा है। लोग दहशत में हैं। एक वायरस के आगे पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था भारी दबाव में है। अब वायरस हवा में दूर तक तैरने लगा है। जनजीवन थम गया है। लोग हफ्तों से घरों में बंद हैं। लाखों लोगों की सांसें हमेशा के लिए थम चुकी हैं। 

देश के 19 राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन जैसी पाबंदी है। वहीं 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आंशिक लॉकडाउन है। आंकड़ों पर नजर डालें तो रोज ढाई लाख से ज्यादा कोरोना के नए मरीज मिल रहे हैं और चार हज़ार से ज्यादा संक्रमितों की रोज जान जा रही है। यह नौबत तब है जब स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है।
Delhiites letting their guard down in fight against coronavirus is worrying, say experts- The New Indian Express

‘कोरोना बहादुर’!

यह पूरी सच्चाई एक तरफ। इसका दूसरा पहलू भी है। लोगों में अभी भी कोरोना का कोई डर नहीं है। बार-बार कहा जा रहा है कि बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें और सामाजिक दूरी का पालन करें। लेकिन इसे मान कितने लोग रहे हैं।

मुंह बंद, नाक खुली

COVID-19: People show how not to wear a mask in India | News-photos – Gulf News

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट कह रही है कि 50 फ़ीसदी लोगों को अभी भी कोरोना का कोई डर नहीं है। वे मास्क नहीं पहन रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार 20 मई को एक अध्ययन के हवाले से बताया कि 50 फ़ीसदी लोग अभी भी मास्क नहीं लगाते हैं। इससे भी ज्यादा हैरान-परेशान करने वाली बात यह है कि मास्क पहनने वालों में भी 64 फ़ीसदी लोग ऐसे हैं जो अपनी नाक नहीं ढकते हैं।

ऐसी लापरवाही देखी कहीं…

Penalty for no mask, spitting in public: Vij

कोरोना की दूसरी लहर जिस तेजी और भयावहता के साथ आई है उसके आगे सारे इंतजाम नाकाफी साबित हुए हैं- यह सच्चाई है। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। लेकिन इसके बावजूद लोगों की इतनी लापरवाही देश को और कितने बड़े संकट में डाल सकती है- यह सोचना भी कठिन है।

मास्क न लगाने की सज़ा मुझे मिली

अपने एक वीडियो में वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम कहते हैं : “बंगाल विधानसभा चुनाव की कवरेज के दौरान मुझे कोविड हुआ। हालांकि अब कोविड से ठीक हो गया हूं, लेकिन उसके कुछ कॉम्प्लिकेशन अभी हैं जिनकी दवा मैं ले रहा हूं। एक गलती मैं कबूल करूंगा दोस्तों… मैंने मास्क नहीं लगाया। मुझे लगता है मैं बहुत लापरवाह हो गया था। थोड़ी दिक्कत होती है मुझे मास्क लगाने पर- थोड़ा दम फूलता है, चश्मे पर फाग जैसा बन जाता है- लेकिन यह सब बेकार की दलील है। मास्क नहीं लगाया, यह गलती मैंने की। आज की तारीख में मैं दो दो मास्क लगाता हूं। लेकिन पहले जो मैंने मास्क नहीं लगाया उसकी सजा भी मिली। मेरी गुजारिश है कि आप मास्क जरूर लगाएं… डबल मास्क! मैंने बहुत लापरवाही की और बहुत अफसोस में भी रहा। आज की तारीख में कोविड एयरबॉर्न है। ऐसी स्थिति हो गई है कि जो घर में रहते हैं और कभी बाहर नहीं निकलते हैं, उनको भी कोविड हो रहा है। लेकिन फिर कहूंगा कि इन दलीलों का कोई मतलब नहीं है। आप मास्क जरूर लगाएं …क्योंकि यह बीमारी बहुत जानलेवा है।”