प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से सोमवार सात अक्टूबर को मुलाकात की। पिछले साल खराब दौर से गुजरने के बाद बेहतर हो रहे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर दोनों नेताओं के बीच व्यापक चर्चा होने की खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुइज्जू ने मालदीव में हनीमाधू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया. इस दौरान मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी को मालदीव आने का निमंत्रण भी दिया।
मुइज्जू चार दिवसीय यात्रा पर रविवार शाम यहां पहुंचे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत-मालदीव के विशेष संबंधों को आगे बढ़ाते हुए! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति एम.एम. मुइज्जू का नयी दिल्ली के ‘हैदराबाद हाउस’ में गर्मजोशी से स्वागत किया। भारत और मालदीव के द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत चर्चा हुई।’’
मुलाकात और बैठक के बाद दोनों नेताओं ने हैदराबाद हाउस में एक संयुक्त बयान जारी किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने हैं और भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र देश है।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में मुइज्जू का औपचारिक स्वागत किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे। तीनों सेनाओं ने मुइज्जू को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया। इसके बाद उन्होंने यहां राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।
मालदीव के राष्ट्रपति अपनी पत्नी साजिदा मोहम्मद और अपने देश के प्रतिनिधिमंडल के साथ रविवार शाम को भारत पहुंचे। पिछले वर्ष नवंबर में पदभार ग्रहण करने के बाद से यह मुइज्जू की पहली राजकीय यात्रा है। मुइज्जू जून में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।
चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू के पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था। मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ अभियान को आधार बनाकर पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव जीता था और उन्होंने नयी दिल्ली से द्वीप राष्ट्र में तैनात अपने सैन्यकर्मियों को इस वर्ष मई तक वापस बुलाने को कहा था।
द्विपक्षीय संबंधों में उस समय भी खटास आई जब मालदीव के मंत्रियों ने मोदी की आलोचना की। बहरहाल, मुइज्जू ने अपने भारत विरोधी रुख को नरम किया और मोदी की आलोचना करने वाले मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। मालदीव गंभीर आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। ऐसे में भारत ने सद्भावना दिखाते हुए मालदीव सरकार के विशेष अनुरोध पर पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर के सरकारी बॉण्ड को एक और वर्ष के लिए बढ़ाकर द्वीप देश को अहम बजटीय सहायता दी।