उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने ‘आपका अख़बार’ के संपादक प्रदीप सिंह को दिए विशेष साक्षात्कार में हर मुद्दे पर बेबाक बात की-2।
“आज देश के सबसे अच्छे निवेश का गंतव्य यूपी बना है तो उसके पीछे बेहतर कानून व्यवस्था है। अगर हमारी कानून व्यवस्था खराब होती तो मुझे नहीं लगता है कि यूपी में कोई निवेश करता”
प्रदीप सिंह- उत्तर प्रदेश में पिछली तीन सरकारें- 2007 में मुलायम सिंह यादव की सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर- बहुत से मुद्दे होते हैं चुनाव में लेकिन प्रमुख मुद्दा वही था… उसके बाद 2012 में मायावती की सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर… फिर 2017 में अखिलेश यादव की सरकार उसमें ये दोनों मुद्दे थे भ्रष्टाचार भी और कानून व्यवस्था भी- तो कानून व्यवस्था ऐसा मुद्दा है जो सत्तारूढ़ पार्टी को सत्ता से बाहर कर देती है। इन पांच सालों में जो आपने माफिया के खिलाफ अभियान चलाया… आपने उसके अलावा तमाम तरह के जो कदम उठाए चाहे वह रोमियो स्क्वाड बनाना हो, बच्चियों की सुरक्षा की बात हो… उसके जवाब में विरोधियों का तर्क होता है वे जिक्र करते हैं उन्नाव का- वे जिक्र करते हैं हाथरस की घटना का। ऐसी घटनाओं को इस रूप में पेश किया जाता है कि यही कानून व्यवस्था की सच्चाई है उत्तर प्रदेश में।
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था देश के लिए एक नजीर
योगी आदित्यनाथ- देखिए, अपराध-अपराध है। हमारी सरकार ने 19 मार्च 2017 को शपथ लेने के साथ ही अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य करने की बात कही थी। हमने उसके तहत कार्य किया। अपराधी कोई भी रहा हो हमने पूरी प्रतिबद्धता के साथ, पूरी कठोरता के साथ उसके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था देश के लिए एक नजीर बनी है और मुझे लगता है कि अन्य राज्यों में भी उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर… उत्तरप्रदेश की तुलना उन छोटे राज्यों से करेंगे जिनकी आबादी लाखों में है- मुझे लगता है यह उत्तर प्रदेश के साथ अन्याय होगा। यह 25 करोड़ की आबादी का राज्य है। 25 करोड़ आबादी के राज्य में सरकार में जब हम लोग आए थे आधी पुलिस की भर्तियां यहां पर नहीं हुई थीं। खाली थी जगह। कारण था पिछली सरकारों की नीयत साफ नहीं थी। हमने पारदर्शी भर्ती की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। भर्ती की प्रक्रिया के साथ हमने बालिकाओं के भर्ती भी उसमें की। परिणाम सामने आया। आज हमारे पास पर्याप्त मात्रा में पुलिसकर्मी हैं। फिर हम लोगों ने प्रदेश की कानून व्यवस्था के बारे में पहले से इस बारे में कहा कि हम कुछ भी गलत नहीं होने देंगे।
सपा सरकार का पहला काम- आतंकवादियों के मुकदमों को वापस लेना
आपने कुछ चीजें देखी होंगी। हमारी सरकार आई। हमने पहला कदम एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन करके किया- इल्लीगल स्लॉटर हाउसेस को बंद करके किया। प्रदेश के अंदर हम लोगों ने उस समय किसानों के कर्ज माफी से किया। हमारी सरकार के शुरू शुरू के तीन बड़े फैसले ये हैं। देखिए- पिछली सरकारों के बड़े फैसले क्या थे? समाजवादी पार्टी की सरकार जब आई थी 2012 में- पहला कोसीकला में दंगा और श्री राम जन्मभूमि पर आतंकी हमला करने वाले आतंकवादियों के मुकदमों को वापस लेना। हम लोग अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य कर रहे हैं, बहन और बेटियों को सुरक्षा की गारंटी दे रहे हैं, किसानों की कर्ज माफी के माध्यम से उनकी बेहतरी के लिए कदम उठा रहे हैं, बिजली हर एक घर में देने की बात कर रहे हैं और उसको हमने लागू किया- लेकिन समाजवादी पार्टी ने क्या किया? आतंकवादियों के मुकदमों को वापस लेने का काम किया। आज बेहतर कानून व्यवस्था की स्थिति का लाभ उत्तर प्रदेश को मिल रहा है। आज देश के सबसे अच्छे निवेश का गंतव्य यूपी बना है तो उसके पीछे बेहतर कानून व्यवस्था है। अगर हमारी कानून व्यवस्था खराब होती तो मुझे नहीं लगता है कि यूपी में कोई निवेश करता। और यह निवेश केवल हमारे लिए निवेश का माध्यम नहीं बना है- यह निवेश यहां के युवाओं को व्यापक स्तर पर रोजगार देने का माध्यम बना है। आप आश्चर्य करेंगे कि हम लोगों ने पिछले साढ़े चार वर्षो के अंदर साढ़े चार लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी दी है। किसी भी राज्य की तुलना में अगर आप उत्तर प्रदेश की इन नौकरियों को देखें तो किसी भी नौकरी पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। दूसरा, एक करोड़ 61 लाख नौजवानों को- प्रदेश के अंदर हम लोगों ने जो निवेश करवाया है- इस निवेश के माध्यम से उनको रोजगार और नौकरी के साथ जोड़ें हैं। हम 2017 में जब आए थे तो उस समय यूपी की बेरोजगारी दर 17 फ़ीसदी से अधिक थी। आज यह पांच फ़ीसदी है। इतने बड़े राज्य में पांच फ़ीसदी है… (वह भी) तब जब 40 लाख प्रवासी कामगार और श्रमिक भी यूपी में आए थे। यह यूपी की स्थिति है।
यह बदला हुआ यूपी
स्वतः रोजगार के साथ भी लगभग हम लोग 60 लाख से अधिक लोगों को जोड़ें हैं। क्योंकि यूपी में हम लोगों ने कुछ स्कीम अपनी चलाई जैसे एक जनपद एक उत्पाद- परंपरागत उद्यम को बढ़ावा देने और उसको रोजगार के साथ जोड़ने- कामगार चाहे वह प्रवासी हो या निवासी हो, दोनों की स्किल मैपिंग की कार्यवाही- परंपरागत हस्तशिल्पी और कारीगरों को प्रोत्साहन के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान- इसने स्वतः रोजगार की ढेर सारी संभावनाओं को आगे बढ़ाया। हमारे यहां उनकी ट्रेनिंग चलती है। ट्रेनिंग के दौरान हर एक हस्त शिल्पी या कारीगर को हम एक निश्चित मानदेय देते हैं- फिर उन्हें टूल किट उपलब्ध कराते हैं- फिर उन्हें बैंकों के साथ जोड़ करके वह रोजगार लेने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए एक माध्यम बन जाते हैं। ऐसे 60 लाख लोगों को हमने रोजगार के साथ जोड़ा है। यह बदला हुआ यूपी है।