राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्रद्धालु कैसे दर्शन करने के लिए प्रवेश करेंगे और बाहर निकलते समय कहां उनको प्रसाद मिलेगा यह सब श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने तय कर लिया है। मंदिर निर्माण समिति और श्री राम मंदिर ट्रस्ट की दो दिवसीय चली बैठक के बाद यह जानकारी दी गई। इसी के साथ यह भी साफ कर दिया गया है कि श्री राम जन्मभूमि परिसर में बनने वाला श्री राम जीवन दर्शन म्यूजियम अब राम कथा संग्रहालय में बनेगा। इसके निर्माण में लगभग 1 साल लग जाएंगे यानि जब 2025 में श्री राम जन्मभूमि मंदिर बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा उस समय तक यह म्यूजियम भी राम भक्तों को उनके आराध्य का जीवन दर्शन कराएगा।

22 जनवरी 2024 को जब भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हो जाएंगे उसके बाद 23 जनवरी से जब राम भक्त दर्शन के लिए पहुंचेंगे तो उन्हें किस रास्ते से जाना होगा और दर्शन कहां से मिलेंगे यह सब श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने बता दिया है। यही नहीं दर्शन करने के बाद उनको प्रसाद कहां से मिलेगा और वह दर्शन करने के बाद किस रास्ते से बाहर निकलेंगे और बाहर निकलने के वह कहां और जा सकते हैं यह सब कुछ ट्रस्ट ने बता दिया है।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने कहा कि पूरब दिशा से प्रवेश करेंगे सामने जैसे ही सिंह द्वार शुरू हो जाएगा वैसे ही भगवान की प्रतिमा उनकी आंखों के सामने होगी। दर्शन करते हुए 320 फीट के करीब अंदर प्रवेश करेंगे और भगवान के सामने सर झुका करके बाई तरफ घूमेंगे और बाहर निकलेंगे और परकोटे के पास जब पहुंचेंगे उनको वहां पर प्रसाद मिलेगा। फिर उनको जहां जाना है चाहे कुबेर टीला जाने के लिए अनुमति लिया है वहां जा सकेंगे फिर अपना सामान ले के बाहर जा सकेंगे।

राम कथा संग्रहालय में बनेगा म्यूजियम

श्री राम के जीवन दर्शन को दिखाने के लिए श्री राम जन्मभूमि परिसर में म्यूजियम का निर्माण होना था लेकिन अब यह म्यूजियम राम कथा संग्रहालय में बनेगा। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने राम कथा संग्रहालय का निरीक्षण करने के बाद यह साफ किया और कहा कि इसके निर्माण में लगभग एक साल लगेगा।

ट्रस्ट ऑफिस सरकार ने किया स्थानांतरित

श्री रामजन्म भूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह संग्रहालय राज्य सरकार ने यह जो ट्रस्ट आफिस है स्थानांतरित कर दिया है। तो यहां की संपत्ति यहां का कार्य वितरण यहां की कार्यप्रणाली सभी चीजों की जानकारी की है हम जो एक नया म्यूजियम बनाना चाहते थे। अब वह म्यूजियम परिसर में ना बनाकर के इसी में संग्रहालय का सदुपयोग करेंगे और इस कार्यक्रम को जल्दी से जल्दी रूपरेखा बनाई जाएगी।

23 जनवरी से कीजिए प्रभु श्री राम के नवीन मंदिर के दर्शन

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने स्पष्ट शब्दों में बताया है कि भगवान श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से हम देश ही नहीं पूरी दुनिया भर के राम भक्तों को न्योता दे रहे हैं कि वह अयोध्या आकर प्रभु श्री राम के नवीन मंदिर और उनके सुंदर स्वरूप का दर्शन करें। हमारी यह तैयारी है कि प्रतिदिन लगभग तीन लाख से अधिक श्रद्धालु अलग-अलग पालियों में प्रभु श्री राम का दर्शन करें। अयोध्या आने वाले राम भक्तों के लिए हमने प्रसाद की भी व्यवस्था की है। वह कतारबद्ध होकर प्रभु श्री राम का दर्शन कर सकते हैं और उसके बाद उन्हें प्रसाद की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

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अभी तक दो लाइनों से होता था दर्शन

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि अभी तक राम जन्मभूमि में दो पंक्तियों में दर्शन की व्यवस्था की गई थी। लेकिन, नवीन मंदिर के उद्घाटन के साथ ही हम चार पंक्तियों की व्यवस्था कर रहे हैं। अभी तक एक दिन में 1,60,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है। जब दो पंक्तियां और बढ़ाई जाएंगी तो यह आंकड़ा तीन लाख से ऊपर जाएगा। मंदिर के उद्घाटन के बाद एक बड़ी भीड़ अयोध्या की तरफ कूच करेगी। ऐसे में भीड़ का दबाव होने पर श्रद्धालुओं को संयम बरतना होगा और उन्हें प्रतीक्षा करनी होगी।

बढ़ाई जाएगी मंदिर की सुरक्षा

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि आने वाले दिनों में अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बहुत ज्यादा होगी। ऐसे में सुरक्षित रूप से दर्शन संपन्न करना बड़ी चुनौती होगी। इसलिए मंदिर का विस्तार होने के साथ ही सुरक्षा में भी अमूल चूल परिवर्तन और विस्तार संभव है। हम भीड़ के दबाव में मंदिर की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेंगे। हमारा आग्रह है कि दर्शन के लिए आने वाले भक्त श्रद्धालु आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन करें। सभी भक्तों को दर्शन उपलब्ध कराने की व्यवस्था ट्रस्ट ने की है। उनके अयोध्या पधारने पर उनके भोजन और निवास की भी व्यवस्था हम बना रहे हैं सभी को दर्शन सुलभ होगा। (एएमएपी)