विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना डेटा का खुलासा न करने पर चीन को कड़ी फटकार लगाई है। डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को चीनी अधिकारियों से तीन साल पहले के डेटा का खुलासा नहीं करने के कारणों के बारे में पूछा और कहा कि डेटा प्रकाशित होने के बाद फिर इन्हें क्यों हटाया गया? बता दें, हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने खुलासा किया था कि महामारी अवैध रूप से बिकने वाले रैकून कुत्तों से शुरू हो सकती है।

कोरोना उत्पत्ति पर WHO ने क्या कहा है? इसकी वजह क्या है? रिपोर्ट में क्या मिला? कोरोना की उपत्ति पर थ्योरी क्या है? आइये जानते हैं…

कोरोना उत्पत्ति पर WHO ने क्या कहा है?

डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति का खुलासा करने वाले वैज्ञानिक अनुसंधान को रोकने के लिए चीन के सामने सवाल खड़े किए हैं। संस्था ने चीनी अधिकारियों से तीन साल पहले के डेटा का खुलासा नहीं करने के कारणों के बारे में जानकारी मांगी और पूछा कि जनवरी में ऑनलाइन प्रकाशित होने के बाद फिर इन्हें क्यों हटाया गया?

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने कहा, ‘ये आंकड़े तीन साल पहले साझा किए जा सकते थे और साझा किए जाने चाहिए थे।’ उन्होंने कहा कि लापता सबूतों को अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ तुरंत साझा करने की जरूरत है।

इसकी वजह क्या है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन का बयान कोरोना वायरस की उत्पत्ति बताने वाली एक रिपोर्ट की बाद आया है। दरअसल, बीते रविवार को चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने जनवरी 2020 में वुहान बाजार में लिए गए नमूनों से संबंधित वैश्विक वायरस डेटाबेस, जीआईएसएआईडी पर डेटा अपलोड किया था। बाद में इस डेटा को कोरोना वायरस विशेषज्ञों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने शोध को डाउनलोड किया और विश्लेषण करना शुरू किया। टीम ने खुलासा किया कि डेटा से यह पता चलता है कि महामारी अवैध रूप से बिकने वाले रैकून कुत्तों से शुरू हो सकती है, उसके बाद उन्होंने चीन के वुहान हुआनान सीफूड होलसेल मार्केट में मनुष्यों को संक्रमित किया था।

रिपोर्ट में क्या मिला?

आंकड़ों की समीक्षा कर रही विशेषज्ञ टीम के अनुसार, शोध से इस बात के सबूत मिलते हैं कि कोरोना वायरस फैलाने के लिए जाने जाने वाले लोमड़ी जैसे जानवर रैकून कुत्ते वुहान बाजार में उसी स्थान पर डीएनए छोड़ गए थे जहां नए कोरोना वायरस के भी डीएनए मिले थे। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार उस खोज से पता चलता है कि जानवर संक्रमित हो सकते हैं और मनुष्यों में वायरस को प्रेषित कर सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2020 की शुरुआत में वुहान बाजार में जानवरों के पिंजरों, गाड़ियों और अन्य सतहों के स्वैब से बड़ी मात्रा में आनुवंशिक जानकारी ली गई थी। आनुवंशिक डेटा वायरस विशेषज्ञों के बीच बेचैनी का कारण बना था क्योंकि उन्हें एक साल पहले चीनी वैज्ञानिकों की ओर से जारी एक पेपर में इसके बारे में पता चला था।

कोरोना की उपत्ति पर थ्योरी क्या है?

कई जांच एजेंसियां कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन को जिम्मेदार बताती हैं। दावा ये भी किया जाता है कि चीन की वुहान लैब में यह वायरस बनाया गया था।  हालांकि, चीन इन आरोपों को लगातार खारिज करता रहा है। उसका कहना है कि यह वायरस उसकी लैब में नहीं बना, बल्कि बाहर से आया।

पिछले दिनों ही कोरोना को लेकर अमेरिका के ऊर्जा विभाग ने नया खुलासा किया। ऊर्जा विभाग ने कहा है कि सबसे अधिक आशंका इस बात की है कि कोरोना वायरस चीन की एक प्रयोगशाला से उत्पन्न हुआ। वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊर्जा विभाग का निष्कर्ष नई खुफिया जानकारी का परिणाम है और महत्वपूर्ण है क्योंकि एजेंसी के पास काफी वैज्ञानिक विशेषज्ञता है। ऊर्जा विभाग की रिपोर्ट को वर्गीकृत खुफिया रिपोर्ट के माध्यम से अधिसूचित किया गया है, जिसे हाल ही में व्हाइट हाउस और कांग्रेस के प्रमुख सदस्यों को सौंपा गया।

अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने बताई वुहान लैब की घटना

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊर्जा विभाग पहले वायरस की उत्पत्ति के बारे में अनिश्चित था। हालांकि, नेशनल इंटेलिजेंस एवरिल हैन्स कार्यालय के निदेशक द्वारा 2021 के एक दस्तावेज बताया गया है कि कैसे खुफिया समुदाय के विभिन्न हिस्सों ने महामारी की उत्पत्ति के बारे में अलग-अलग निर्णय लिए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड -19 वायरस संभवत एक चीनी प्रयोगशाला में दुर्घटना के माध्यम से फैला था। इससे पहले FBI ने भी निष्कर्ष निकाला था कि 2021 में चीन में एक प्रयोगशाला रिसाव के कारण कोरोना वायरस महामारी उत्पन्न हुई थी। एजेंसी अभी भी अपने दृष्टिकोण पर कायम है।(एएमएपी)