राजीव रंजन ।

पिछले एक-दो दिनों से ट्विटर पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इसे कंगना रनोट के किसी प्रशंसक ने डाला है। यह कंगना की कई टिप्पणियों को जोड़कर तैयार किया गया है। इसमें कंगना बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियों की प्रशंसा करती हुई देखी जा सकती हैं। वह दीपिका पादुकोण को शानदार अभिनेत्री बताती हैं। प्रियंका चोपड़ा का समर्थन करती हैं। अनुष्का शर्मा, कैटरीना कैफ की प्रशंसा करती हैं। स्वरा भास्कर और तापसी पन्नू, जो कंगना के किसी भी मौके पर नीचा दिखाने का अवसर हाथ से जाने नहीं देतीं, इस वीडियो में उनका सपोर्ट करते हुए भी देखी जा सकती हैं। आलिया भट्ट को वह क्वीन की संज्ञा से नवाजती हैं और करीना कपूर को बारे में तो कहती हैं कि करीना ने सारी अभिनेत्रियों के लिए अभिनय का बहुत ऊंचा पैमाना सेट कर दिया है।


 

कंगना ने उस वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा है- इस इंडस्ट्री में एक भी अभिनेत्री ऐसी नहीं है, जिसे मैंने सपोर्ट नहीं किया या तारीफ नहीं की हो। लेकिन उनमें से किसी ने भी कभी भी मेरी तारीफ नही की या मेरे लिए सपोर्ट नहीं दिखाया। आपने कभी सोचा है, क्यों? उन सबने मेरे खिलाफ गैंग बना लिया? मुझे और मेरे काम को लेकर यह साजिश क्यों? दिमाग पर जोर देकर सोचिए। कंगना जो कह रही हैं, क्या वह वाकई सच है?  कंगना का इशारा किस ओर है? उनकी इस बात को निराधार नहीं कहा जा सकता। हवा में नहीं उड़ाया जा सकता। अपने समकालीन अभिनेत्रियों की उन्होंने प्रशंसा की है, उनके प्रति समर्थन व्यक्त किया है, यह तो वीडियो में देखा ही जा सकता है। लेकिन उनके समर्थन में या उनकी प्रशंसा में बॉलीवुड में शायद ही कोई आवाज सुनाई दे।

भेदभाव की शिकार ‘क्वीन’

Kangana vs Uddhav: Mumbai Police asked to probe drug charges against  Bollywood actor

अब नीना गुप्ता का ही उदाहरण लेते हैं। सितंबर 2019 की बात है। आपको याद होगा कि जब फिल्म ‘सांड की आंख’ में तापसी पन्नू और भूमि पेडणेकर को लिया गया था, तो नीना गुप्ता ने कमेंट किया था- हमारी उमर के रोल तो कम से कम हमसे करा लो। उम्र वाले मुद्दे पर तापसी का लंबा-चौड़ा स्टेटमेंट आया था, जिसमें उन्होंने कहा था- क्या हम कभी सकारात्मकता को अपनाना चाहते हैं या बस नकारात्मकता को ही पसंद करते रहना चाहते हैं और अपनी जोखिम नहीं लेने की प्रवृत्ति का बचाव करने के लिए इसे महिमामंडित करते हैं? यह विवाद तब काफी सुर्खियों में रहा था। अभी कुछ दिन पहले तापसी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला, तो नीना ने बधाई दी। इसमें कोई बुराई नहीं है। व्यक्तिगत मतभेदों के बावजूद किसी के अच्छे काम को सराहना उदार होने की पहचान है। लेकिन उसी से बस कुछ दिन पहले कंगना को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था, तो फिल्म ‘पंगा’ में उनकी मां का रोल करने वाली नीना ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यह थोड़ा अजीब लगता है, खासकर उस स्थिति में कि जब ‘सांड की आंख’ पहले कंगना को ऑफर की गई थी, तो उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था और इसके लिए नीना गुप्ता तथा रम्या कृष्णन के नाम की सिफारिश की थी।

कंगना फिर खनकीं, मनोज बने सर्वश्रेष्ठ, ताशकंद फाइल्स भी चमकी

सिर्फ नीना गुप्ता ने ही नहीं, बॉलीवुड के किसी चर्चित चेहरे ने कंगना को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिलने पर बधाई नहीं दी। वहीं मनोज बाजपेयी को लोगों ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिलने पर बधाई दी। जयललिता के बायोपिक ‘थलाइवी’ की ट्रेलर रिलीज पर साउथ फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं, उनके अभिनय को सराहा, लेकिन बॉलीवुड के चर्चित चेहरों ने ट्रेलर से दूरी बनाए रखी। हां, पहले उनकी आलोचना करने वाले रामगोपाल वर्मा ने जरूर कंगना को सबसे बहुमुखी प्रतिभा वाली अभिनेत्री बताया। कंगना के साथ कई दिक्कतें हो सकती हैं। उनसे सहमत और असहमत हुआ जा सकता है, लेकिन उनकी प्रतिभा, उनके कमिटमेंट को नकारा नहीं जा सकता। छोटी-छोटी बातों पर एक-दूसरे की पीठ थपथपाने वाले, बधाई देने वाले बॉलीवुड के लिए तथाकथित बड़े कलाकारों के लिए कंगना की उपलब्धियां मायने नहीं रखतीं।

बॉलीवुड की अर्णब हैं कंगना

कंगना की स्थिति बॉलीवुड में वैसी ही हो गई है, जो पत्रकारिता जगत में अर्णब गोस्वामी की है। दोनों को दर्शकों का तो समर्थन मिलता है, लेकिन अपनी इंडस्ट्री का सपोर्ट नहीं मिलता। बस कुछ लोग कभी कभी पक्ष में बोल देते हैं। सवाल उठता है कि क्या खुद को हिन्दू कहना, हिन्दुओं के पक्ष में बोलना, किसी खास विचारधारा को सपोर्ट करना अपराध है? पहले भी बॉलीवुड के कई लोग किसी पार्टी में रह चुके हैं, चुनाव लड़ और जीत चुके हैं। अब भी कई लोग अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं, सांसद भी हैं। फिर कंगना के साथ ऐसा क्यों?

बॉलीवुड के राजाओं को चुनौती

Is Kangana Ranaut the troublemaker in Bollywood? - Quora

दरअसल बॉलीवुड में एक ‘प्रभु वर्ग’ है, जिसमें कुछ बड़े प्रोडक्शन हाउस, कुछ बड़े स्टार शामिल हैं, जो अपने आप को बॉलीवुड का बॉस समझते हैं। उन्हें लगता है कि उनकी मर्जी के खिलाफ इंडस्ट्री में पत्ता भी नहीं डोलना चाहिए। और कंगना सारे काम वैसे ही करती हैं, जो उनकी सत्ता को चुनौती देते हैं। वह बड़े स्टारों के साथ बराबरी की शर्त पर काम करना चाहती हैं, उनकी सर्वोच्चता को नकारती हैं। अब वो खेमा बड़ी चालाकी से बड़ी खामोशी के साथ कंगना के खिलाफ अपने ऑपरेशन को अंजाम देता है। बॉलीवुड में तरक्की की सीढ़ियां चढ़ने और ऊंचाई पर टिके रहने की हसरत पाले लोग कंगना के साथ खड़े होकर, उनकी प्रशंसा कर इस ‘प्रभु वर्ग’ को नाराज नहीं करना चाहते। हर मुद्दे पर फेमिनिज्म का झंडा उठा लेने वाली कई नायिकाओं ने हृतिक रोशन वाले विवाद में कंगना से दूरी बना ली। दूरी तो फिर भी ठीक थी, वे कंगना खिलाफ खड़ी हो गईं।

पानी में रह कर मगर से बैर कौन करे

Kangana Ranaut Interview Vs Bollywood Film Industry | Deeksha Sharma -  YouTube

अब तो ‘कोढ़ में खाज’ वाली स्थिति हो गई है। कंगना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को ही ललकार दिया है। मायानगरी मुंबई में शिवसेना प्रमुख को ललकारना मजाक थोड़े ही ना है! वैसे भी उद्धव ठाकरे बॉलीवुड के कई लोगों के लिए ‘वर्ल्ड के बेस्ट सीएम’ हैं। मुंबई पुलिस के कहने पर फिल्मी हस्तियों ने उद्धव ठाकरे के पक्ष में एक साथ ‘वर्ल्ड के बेस्ट सीएम’ ट्वीट की झड़ी लगा दी थी। उस उद्धव से पंगा लेने वाली कंगना के साथ दिख कर कौन ‘पानी में रह कर मगर से बैर’ करने का खतरा उठाए। उद्धव का विरोध करने की कीमत तो अर्णब और कंगना अदा कर ही चुके हैं। जेल जाकर और घर तुड़वाकर। मुकदमों का सिलसिला तो जारी ही है।

कंगना का इशारा शायद इसी और है और वह इसी बारे में गौर से सोचने के लिए कह रही हैं।


‘बॉस’ को भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान