हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अरबपति गौतम अडानी अपनी खोई हुई साख को वापस पाने के लिए नए रोडमैप पर काम करना शुरू कर चुके हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों की मार्केट वैल्यू एक महीने में 132 अरब डॉलर कम हो गई है। अडानी ने अपने साम्राज्य को बचाने के लिए 850 मिलियन डॉलर के कोयला संयंत्र की खरीद की डील को रद्द कर दिया है, खर्चों पर लगाम लगाई है, कुछ कर्ज चुकाया है और अधिक चुकाने का वादा किया है।कभी एशिया के सबसे बड़े रईस और दुनिया के अमीरों में तीसरे पायदान पर पहुंच चुके गौतम अडानी और उनके निवेशकों के लिए अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को बुरे दिन लेकर आ गई। हिंडनबर्ग की आंधी में अडानी की संपत्ति ऐसे उड़ी कि अब वो अमीरों की लिस्ट में 25वें नंबर पर आ चुके हैं। उनकी संपत्ति भी 50 अरब डॉलर से नीचे रह गई है।

अडानी और उनके सहयोगी तभी से डैमेज रिपेयर मोड में हैं। खुद को एक जिम्मेदार कर्जदार बताने के लिए अडानी ने प्री-पेमेंट और कर्जों के समय पर भुगतान करने का अभियान छेड़ दिया है। अडानी ग्रुप के अधिकारियों ने विदेशी बॉन्डधारकों को शांत करने के लिए बैठकों की एक श्रृंखला भी शुरू की है, जिन्हें हाल के वर्षों में 8 अरब डॉलर से अधिक के वित्त पोषण के लिए अडानी द्वारा टैप किया गया था।

कानूनी लड़ाई के लिए वाचटेल, लिप्टन, रोसेन और काट्ज

फाइनेंशियल टाइम्स ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए बताया कि अडानी समूह ने शॉर्ट सेलर के दावों के खिलाफ लड़ने के लिए अमेरिकी लॉ फर्म वाचटेल, लिप्टन, रोसेन और काट्ज को भी शामिल किया है। वाचटेल सबसे महंगी अमेरिकी कानून फर्मों में से एक है। वहीं, ब्लूमबर्ग न्यूज ने 11 फरवरी को रिपोर्ट दी थी कि ग्रुप की छवि को हुए नुकसान की गंभीरता को देखते हुए, यह केकस्ट सीएनसी को एक वैश्विक संचार सलाहकार के रूप में लाया है। न्यूयॉर्क और म्यूनिख में सह-मुख्यालय वाली जनसंपर्क फर्म अपने काम के लिए जानी जाती है। बता दें अडानी समूह के एक प्रवक्ता ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। केकस्ट ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि वाचटेल ने टिप्पणी करने के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया।

निवेशकों का कहना है कि वे दो चीजें देख रहे हैं, समूह के हाई लीवरेज रेश्यो और कैश फ्लो जेनरेट करने की योग्यता। अदानी प्रबंधन इन चिंताओं को दूर करने के लिए कदम उठा रहा है। ब्लूमबर्ग ने इस मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए गुरुवार को एक कॉल पर बॉन्डहोल्डर्स को बताया कि लक्ष्य अगले साल एबिटा के लिए समूह के शुद्ध ऋण के अनुपात को तीन गुना से कम करना है।

अडानी पावर लिमिटेड ने पूंजीगत खर्च को कम करने और नकदी के संरक्षण के समूह के समग्र प्रयास के हिस्से के रूप में डीबी पावर लिमिटेड द्वारा कोयला संयंत्र परियोजना के अधिग्रहण की योजना को भी बंद कर दिया है। हॉन्गकॉन्ग में नैटिक्सिस एसए के एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री त्रिन्ह गुयेन ने कहा, समूह के पास कुछ कुछ बहुत मूल्यवान संपत्तियां हैं, जो कैश फ्लो उत्पन्न करती हैं।(एएमएपी)