आपका अखबार ब्यूरो।
क्या कोई भारतीय मूल का व्यक्ति ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री हो सकता है? प्रश्न सुनने में अटपटा लग सकता है लेकिन यह बात संभावना के दायरे में नजर आ रही है। ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी जिसे ज्यादातर भारतीय एक समय नस्लवादी मानते थे, अब एक भारतीय को दस डाउनिंग स्ट्रीट ( प्रधानमंत्री का सरकारी आवास) में बिठाने के लिए तैयार है।
क्या पूरा ब्रिटेन तैयार है
पर सवाल है कि क्या पूरा ब्रिटेन इसके लिए तैयार है। जानकारों का मानना है कि भारत पर दौ सौ साल राज करने वाले एक भारतीय को अपने देश की बागडोर सौंपने को तैयार हैं। सवाल है कि वह व्यक्ति है कौन? वह हैं कंजरवेटिव पार्टी के नेता और देश के वित्त मंत्री रिषी सुनाक। रिषि सुनाक ब्रिटेन में ही पैदा हुए थे। उनके माता-पिता उषा और यशवीर सुनाक पूर्वी अफ्रीका से यहां आकर बस गए थे। सुनाक सिर्फ चालीस वर्ष के हैं। कम ही लोग जानते हैं कि रिषी भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं।
कई काम पहली बार
कंजरवेटिव पार्टी इस मामले में पहले भी कई काम पहली बार कर चुकी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे बेंजामिन डिज़रेली यहूदी समुदाय से आते थे। ऐसा इस देश में पहली बार हुआ। इसी तरह मार्गरेट थैचर के रूप में ब्रिटेन को पहली महिला प्रधानमंत्री कंजरवेटिव पार्टी ने ही दिया। माना जा रहा है कि रिषी सुनाक प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के राजनीतिक उत्तराधिकारी बन सकते हैं।
Great meeting with my fellow G20 Finance ministers today.
It’s vital that we work together to ensure a global recovery from the coronavirus pandemic that builds back better for a greener, stronger economy. pic.twitter.com/Nw9MCkEymy
— Rishi Sunak (@RishiSunak) November 20, 2020
कोई दुश्मन नहीं
सुनाक के विरोध में दो बातें हैं। एक, उनका कम उम्र होना। वे पांच साल पहले ही संसद के लिए चुने गए हैं। दूसरी बात यह कि पार्टी में उनका बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है। पर उनके पक्ष में सबसे बड़ी बात है कि इतने बड़े पद ( वित्त मंत्री) पर पहुंचने के बाद भी उनके विरोधी या राजनीतिक दुश्मन न के बराबर हैं। रिषी सुनाक के बारे में ब्रिटेन की राजनीति में कुछ भी बुरा बोलने वाले आपको नहीं मिलेंगे।
अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी चुनौती
पर उनकी असली परीक्षा अभी होनी है। कोरोना महामारी से खस्ताहाल देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की उनके सामने बहुत बड़ी चुनौती है। इसके अलावा ब्रेक्जिट की चुनौती अलग है। इस समय इतना ही कहा जा सकता है कि रिषी सुनाक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनना संभावना के दायरे में है। देश के लोग मनोवैज्ञानिक रूप से इसके लिए तैयार हैं। यही अपने आप में बहुत बड़ी बात है। यदि ऐसा होता है तो ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए ही नहीं भारत के लोगों के लिए भी गर्व की बात होगी।