यूक्रेन के साथ चल रहा रूस का युद्ध या तो मास्को की साथ जीत के साथ समाप्त होगा या फिर दुनिया के खात्मे के साथ फिनिश होगा। ये चेतावनी दी है दुनिया में पुतिन के ‘ब्रेन’ के नाम से प्रसिद्ध अलेक्जेंडर डुगिन ने। यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि हाल की नाकामियों के बावजूद रूस नए साल की शुरुआत में बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। डुगिन का ये बयान तब आया है जब पिछले महीने ही रूसी सेनाएं यूक्रेन के शहर खेरासन से वापस लौटी है।

‘यह दादागिरी के खिलाफ मानवता का युद्ध’

डुगिने ने कहा कि यह युद्ध एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था के खिलाफ बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का है। यह रूस, यूक्रेन या यूरोप के बारे में कुछ भी नहीं है; यह पश्चिम और बाकी देशों के खिलाफ भी नहीं है; यह दादागिरी के खिलाफ मानवता का युद्ध है। बता दें कि साठ वर्षीय डुगिन एक प्रभावशाली लेखक, राजनीतिक दार्शनिक और विश्लेषक हैं। डुगिन को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर उनके बौद्धिक प्रभाव के लिए जाना जाता है। 30 से अधिक पुस्तकों के लेखक डुगिन को को कभी-कभी “पुतिन के दार्शनिक” या “पुतिन के मस्तिष्क” के रूप में भी जाना जाता है।

क्या होंगे जंग के नतीजे?

डुगिन से जब इस युद्ध के नतीजों के बारे में पूछा गया तो एक कट्टर राष्ट्रवादी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले डुगिन ने कहा कि इस बारे में दो संभावनाएं हैं। पहला, यह तब खत्म होगा जब हम (रूसी) जीतेंगे। हालांकि यह बहुत आसान नहीं है। और दूसरी संभावना यह है कि दुनिया के अंत के साथ ही यह लड़ाई खत्म हो जाएगी। या तो हम जीतेंगे, या दुनिया नष्ट हो जाएगी।”

अलेक्जेंडर डुगिन ने कहा कि हम जीत के अलावा युद्ध के अंत में किसी अन्य परिणाम को स्वीकार नहीं करेंगे। बता दें कि हाल ही में एक कार ब्लास्ट में अलेक्जेंडर डुगिन की बेटी की मौत हो गई थी। अलेक्जेंडर डुगिन का दावा है कि उनकी बेटी यूक्रेनियों के हाथों मारी गई थीं। इसी साल अगस्त में अलेक्जेंडर डुगिन की बेटी मास्को में एक कार ब्लास्ट में मारी गई थीं।

हजारों लोगों की जान गई

रूस और यूक्रेन वर्तमान में इस युद्ध को समाप्त करने के लिए किसी तरह की बातचीत नहीं कर रहे हैं। बता दें कि रूस ने 24 फरवरी को अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर आक्रमण किया था। पिछले लगभग 10 महीनों में इस जंग ने हजारों लोगों की जान ले ली है और लाखों लोगों को विस्थापित कर दिया है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस सप्ताह कहा था कि रूस को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे बड़े संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक कदम उठाना चाहिए और क्रिसमस तक यूक्रेन से अपनी सेनाएं वापस बुलानी शुरू कर देनी चाहिए। रूस ने जेलेंस्की की सेना की वापसी के आह्वान को खारिज कर दिया है और कीव को कहा है कि वो नई क्षेत्रीय “वास्तविकताओं” को स्वीकार करने के लिए तैयार रहे। (एएमएपी)