आपका अखबार ब्यूरो ।
देश में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कई जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाया है। धारा 144 सख्ती से लागू की जा रही है। इसके अलावा और भी कई नई पाबंदियां लागू की गई हैं। लेकिन हालात बेहतर होने का कोई संकेत नहीं दे रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्वयं कह चुके हैं कि अगर और ज्यादा हालत बिगड़ते हैं तो वह लॉकडाउन लगाने की भी सोच सकते हैं। इसने वहां रह रहे प्रवासी मजदूरों की चिंता बहुत बढ़ा दी है और वे अपने घरों को लौट रहे हैं या लौटने की तैयारियों में जुटे हैं।

ट्रेनी बंद हों इससे पहले घर लौटना चाहते हैं

Free WiFi ups crowd at stations

मुंबई के कुर्ला में लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) से उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए सबसे अधिक ट्रेनें जाती हैं। कुछ दिन पहले तक इस स्टेशन पर खास भीड़ भाड़ नजर नहीं आती थी। लेकिन दो चार दिनों से यहां उत्तर प्रदेश और बिहार लौटने वालों की अच्छी खासी संख्या है। इनमें ज्यादातर वे प्रवासी मजदूर है जो लॉकडाउन के बाद काम पर लौटे थे। हालांकि अभी तक महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई या राज्य के अन्य जिलों में लॉकडाउन नहीं लगाया है लेकिन इस किस्म की अफवाहें तेजी से फैल रही हैं कि कभी भी लॉकडाउन लग सकता है।
प्रवासी मजदूरों का कहना है पिछले साल अचानक ट्रेन और अन्य परिवहन सेवाएं बंद हो जाने से उन्हें घर लौटने में बहुत परेशानी उठानी पड़ी थी। इसलिए इस बार ट्रेन सेवाएं बंद हों इससे पहले ही वे शहर छोड़ कर अपने घर लौट जाना चाहते हैं।

कारोबारियों पर असर

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सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों का छोटे कारोबारियों पर असर पड़ रहा है। कुछ ने तो मजदूरों से कह भी दिया है कि इसी तरह कुछ और पाबंदियां लग गई तो उन्हें कुछ समय के लिए काम बंद करना पड़ सकता है। कई मजदूर इस आशंका के कारण भी घर छोड़कर जा रहे हैं कि सरकार के इस कदम से उनके वेतन पर असर पड़ेगा। जाहिर सी बात है कारोबार ढीला पड़ेगा तो मालिक सबसे पहले कर्मचारियों और मजदूरों का वेतन कम कर देगा।

2020 वाला नजारा नहीं

हालांकि यह सच है कि अभी स्टेशनों पर 2020 वाला नजारा नहीं है जब हजारों प्रवासी मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में अपने घरों को जाने के लिए ट्रेन पकड़ने की कोशिश में हजारों की संख्या में स्टेशनों पर इकट्ठा हो गए थे। लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की नई पाबंदियों की घोषणा के बाद प्रवासी मजदूरों में घर लौटने की ललक बढ़ी है। कुछ मजदूरों के काम अभी ही बंद हो गए है और इससे पहले की ट्रेनें फिर से रुक जाए वे घर लौटने में ही अपनी बेहतरी समझ रहे हैं।
लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर भीड़ प्रबंधन के लिए तैनात रेलवे सुरक्षा बल  (आरपीएफ)  के कुछ जवानों ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों से यहां आने वाले यात्रियों की संख्या काफी बढ़ी है। हालांकि उन्होंने कहा कि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान यहां जितनी बड़ी संख्या में मजदूर इकट्ठा हो गए थे, उसके मुकाबले यह बहुत कम है। कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से ही रेलवे ने ट्रेन में सवार होने के लिए आरक्षण आवश्यक कर दिया है। वैध टिकट होने पर ही यात्री प्लेटफार्म में प्रवेश कर सकते हैं। भीड़ को कम करने के लिए दूसरी श्रेणी के डिब्बों के लिए भी पहले से रिजर्वेशन अनिवार्य कर दिया गया है।

उड़ानों के लिए मारामारी

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उड़ानों में भी काफी भीड़ देखी जा रही है। मुंबई से आने वाली उड़ानों में यात्रियों की संख्या काफी बढ़ी है जबकि मुंबई जाने वाली उड़ानों में यात्रियों की संख्या काफी कम हुई है। पहले मुंबई से आने वाली उड़ानों में कई सीटें खाली रह जाती थीं। यात्रियों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी के कारण अब आलम यह है कि कई एयरलाइंस को अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था करनी पड़ रही है।