शाही अंदाज में होती है सैलानियों की खातिरदारी।
पैलेस ऑन व्हील्स यानी पहियों पर महल। इस राजसी ट्रेन में वो तमाम सुविधाएं हैं, जो किसी फाइव स्टार होटल में होती हैं…लग्जरी सुइट, जिम, स्पा, बार…। इसी कारण पैलेस ऑन व्हील्स को दुनिया की दूसरी सबसे लग्जरी ट्रेन का खिताब हासिल है। कोरोनाकाल के दौरान दो साल तक ट्रेन के सफर पर ब्रेक लग गया था। अब 12 अक्टूबर से दोबारा दिल्ली से इसकी शुरुआत हो चुकी है। यह ट्रेन बुधवार रात जयपुर पहुंची थी। पैलेस ऑन व्हील्स अपने पहले शाही सफर में 38 पैसेंजर लेकर जयपुर पहुंची। पैलेस ऑन व्हील्स 1982 से लगातार चल रही थी। 2020 में कोविड के कारण इस ट्रेन को बंद कर दिया गया था। पूरे विश्व में 10 लग्जरी ट्रेनों में नौ अभी तक कोविड के बाद से नहीं चल पाई है।
रेड वेलवेट वाले सोफे और उन पर रियासतकालीन नक्काशियां, महीन कारीगरी वाला काॅरपेट और कोच में एंट्री से ही किसी महल में पहुंचने का अहसास इस सफर का एक अनूठा अंदाज हैं। हर कोच को शाही अंदाज में तैयार किया गया है। सैलानियों की खातिरदारी भी शाही अंदाज में हो रही है।
इस ट्रेन की सबसे खास बात है इसके स्पेशल लग्जरी सुईट। पूरे सफर में इन सुइट का किराया सबसे महंगा है। स्पेशल लॉन्ज के साथ इसे खास तौर पर कपल्स के लिए तैयार किया गया है। पैलेस ऑन व्हील्स में 22 कोच हैं। इनमें से 14 कोच को लग्जरी रूम की तरह तैयार किया गया है। इसके अलावा बाकी कोच में किचन, दो रेस्टोरेंट, एक बार, एक स्पा-हेल्थ क्लब है। वहीं, दो कोच टेक्निकल और अन्य स्टाफ के लिए तैयार किए गए हैं। इसमें पैसेंजर की खातिरदारी के लिए 49 लोगों का स्टाफ तैनात है।
ब्रिटेन में चलने वाली ओरिएंट एक्सप्रेस को सबसे लग्जरी ट्रेन माना जाता है। इसके बाद राजस्थान में पटरियों पर देसी-विदेशी सैलानियों को किले, महल, हवेलियों और ऐतिहासिक स्थानों के दर्शन कराने वाली पैलेस ऑन व्हील्स को दुनिया की दूसरी सबसे लग्जरी ट्रेन माना जाता है। बीते दो साल में इस ट्रेन में काफी बदलाव किया गया है। इसमें हर सैलून में डीलक्स कैटेगरी के तीन केबिन तैयार किए गए हैं। इन केबिन्स को अलग-अलग रियासतों का नाम दिया गया है। यहां दो पलंग, वार्डरोब, टेबल-चेयर के साथ बाथरूम है, जिसमें सभी आधुनिक और लग्जरी सुविधाएं मौजूद हैं। छत पर पत्थर का खूबसूरत झूमर है। कुर्सी, टेबल, पर्दे और यहां तक कि पलंग पर बिछाई जाने वाली बेडशीट को भी रॉयल टच दिया गया है। ट्रेन की लॉबी में खिड़कियों के सामने बैठकर किताब या मैगजीन पढ़ने का आनंद लिया जा सकता हैं। महाराजा रेस्टोरेंट स्काई ब्लू और वाइट थीम पर दुल्हन की तरह सजाया गया है।
आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ का कहना है कि दुनियाभर में 10 लग्जरी ट्रेन का संचालन किया जाता है, लेकिन कोरोनाकाल के बाद सिर्फ पैलेस ऑन व्हील ही ऐसी पहली ट्रेन है, जिसका संचालन दोबारा शुरू हुआ है। यात्रियों के सफर को शानदार बनाने के लिए हमने एक करोड़ रुपए से ज्यादा का रिनोवेशन करवाया है। पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन के मैनेजर प्रदीप बोहरा का कहना है कि ट्रेन का इंटीरियर पूरी तरह से बदल दिया गया है। पर्दे से लेकर काॅरपेट तक सब कुछ नया है। सफर के दौरान राजस्थानी लोक कलाकारों के साथ ही बैगपाइपर और स्पेशल बैंड द्वारा खास मेहमानों का स्वागत किया जा रहा है। ट्रेन में पैसेंजर्स के लिए जिम की भी व्यवस्था की है।
पैलेस ऑन व्हील्स के संचालन को करीब 40 साल हो चुके हैं। इतने सालों में 70 हजार से ज्यादा लोग इसमें सफर कर चुके हैं। सबसे ज्यादा मेहमान यूके, यूएस, यूएई समेत जर्मनी, फ्रांस, पेरिस, रूस और अमेरिका से आते हैं। साल में चार महीने के लिए इस ट्रेन की बुकिंग बंद होती है, क्योंकि आठ महीने के सफर के बाद हर साल चार महीने ट्रेन की सजावट की जाती है। हर साल इसके प्रॉफिट का 20 प्रतिशत हिस्सा इसकी सजावट समेत अन्य लग्जरी सुविधाओं पर खर्च किया जाता है।
प्रथम शाही रेल वर्ष 1982 में प्रारंभ हुई थी। रेलवे द्वारा समय-समय पर रेल की गेज परिवर्तन के फलस्वरूप मीटर गेज से ब्रॉड गेज ट्रेन वर्ष 1991 में दूसरी और 1995 में तीसरी शाही रेल का निर्माण किया गया। शाही रेलगाड़ी का सात दिवस का दिल्ली व आगरा के अलावा राजस्थान के खूबसूरत शहरों जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर तथा भरतपुर का सफर देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है।