वहीं, इससे पहले द स्ट्रेट्स टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कोरोना की मार के चलते चीन का दक्षिणी वाणिज्यिक केंद्र ग्वांगझू काफी हद तक प्रभावित हुआ है। यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा है और इससे उबरने का रास्ता आसान नहीं दिखता है। दूसरी ओर बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के मकसद से लगी पाबंदियों का पूरे चीन की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ा है। इसे देखते हुए ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कुछ दिनों पहले कड़े महामारी प्रतिबंधों को अचानक से हटा लिया था। जिनपिंग के इस कदम को चीन की रुकी हुई अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देखा गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, डाउनटाउन ग्वांगझू के लोगों पर कोविड-19 प्रतिबंधों और आर्थिक सुस्ती का गहरा असर पड़ा है। लोग और कंपनियां दोनों ही सावधानी से खर्च कर रही हैं। इससे पता चलता है कि इस हालत से बाहर निकलने अभी समय लगने वाला है। दूसरी ओर चीन के लोगों पर कोरोना महामारी का कितना घातक असर पड़ा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश के अस्पतालों में पिछले 30 दिनों में लगभग 60 हजार लोगों की मौत हुई। बीजिंग की ओर से शनिवार को यह जानकारी WHO की उन आलोचनाओं के बाद दी गई है कि चीन महामारी की गंभीर स्थिति से संबंधित खबरों को दबा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को कहा कि देश के अस्पतालों में 8 दिसंबर से 12 जनवरी तक कोविड-19 के कारण 59,938 लोगों की मौत हुई है। सांस संबंधी दिक्कत के कारण 5,503 और कोविड-19 के साथ अन्य बीमारियों के चलते 54,435 लोगों की मौत हुई है।
चीन में कोरोना वायरस मामले को लेकर एक हैरान करने वाली स्टडी वाली सामने आई है। पेकिंग यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए अध्ययन में दावा किया गया है कि दो जनवरी तक चीन में करीब 900 मिलियन लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं जो कि कुल आबादी का करीब 64 फीसदी हिस्सा है। यूनिवर्सिटी की स्टडी के मुताबिक चीन के गांसु प्रांत के 91 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित हैं जबकि युन्नान और किन्हाई के क्रमश: 84 और 80 फीसदी लोग कोरोना से संक्रमित हैं।
यूनिवर्सिटी की यह स्टडी चीन के एक टॉप महामारी विज्ञानी के उस चेतावनी के बाद है जिसमें कहा गया था कि कोरोना के मामले अब ग्रामीण इलाकों में बढ़ेंगे और महामारी की यह लहर दो से तीन महीने तक रहने की उम्मीद है। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के पूर्व प्रमुख जेंग गुआंग ने इसलिए यह चेतावनी दी क्योंकि लाखों चीनी लूनर न्यू ईयर से पहले अपने गृहनगर की यात्रा कर रहे हैं। (एएमएपी)