कर्नाटक राज्य के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके येदियुरप्पा ने राज्य विधानसभा में अपना विदाई का भाषण पढ़ा है, उन्होंने कहा, यह एक तरह से मेरी विदाई है, क्योंकि मैं इसके बाद विधानसभा में तो आ सकता हूं और न ही बोल सकता हूं।  (79) ने पहले ही चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने सदन में कहा कि उनके घर पर बैठने का कोई सवाल ही नहीं है और वह विधानसभा सत्र के बाद राज्य का दौरा करेंगे तथा अपनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे।येदियुरप्पा ने कहा, यह एक तरह से मेरी विदाई है, क्योंकि मैं इसके बाद विधानसभा में तो आ सकता हूं और न ही बोल सकता हूं। राज्य बजट पर सदन में हो रही चर्चा में भाग लेते हुए येदियुरप्पा ने सत्ताधारी दल के विधायकों से विश्वास के साथ लोगों के सामने जाने और वोट मांगने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि यह निश्चित है कि भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी। येदियुरप्पा ने कहा, अगर भगवान मुझे शक्ति देता है तो मैं अगले चुनाव में भी, जो इस चुनाव के पांच साल बाद होगा, भाजपा को सत्ता में लाने के लिए सभी प्रयास करूंगा। जैसा कि आप पहले से ही अवगत हैं कि मैंने कहा है कि मैं अब चुनाव नहीं लड़ूंगा, लेकिन मुझे जो सम्मान दिया गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं पार्टी द्वारा दिए गए पदों को मैं जीवनभर नहीं भूल सकता हूं।”

भावुक कर देने वाले अपने भाषण में उन्होंने कहा कि विपक्ष कहता है कि मुझे मुख्यमंत्री पद से उन्हें हटाया गया था। ये गलत है। येदियुरप्पा को किसी ने मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया था। येदियुरप्पा ने अपनी उम्र के चलते ये फैसला लिया था।

दरअसल, जुलाई 2021 में येदियुरप्पा ने पार्टी आलाकमान के कहने पर मुयख्मंत्री पद छोड़ दिया था और उनकी जगह पर बासवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया था। इसे लेकर विपक्ष कई बार येदियुरप्पा की पार्टी पोजिशन पर सवाल उठाता रहा है।

उन्होंने कहा कि मैं अपने सभी विधायकों को कहना चाहूंगा कि आत्मविश्वास के साथ काम करें और चुनावों की तैयारी करें। अगर आप कॉन्फिडेंट रहेंगे तो हम उन्हें अपने साथ लेकर भाजपा को पूर्ण बहुमत दिलाकर सत्ता में आ जाएंगे।

येदियुरप्पा ने पिछले साल जुलाई में की थी चुनाव न लड़ने की घोषणा

येदियुरप्पा ने पिछले साल जुलाई में ऐलान किया था कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपनी शिकारीपुरा वाली सीट को खाली कर देंगे। अगर हाईकमान ने अनुमति दी तो इस सीट से उनका बेटा और राज्य में पार्टी वाइस-प्रेसिडेंट बीवाई विजयेंद्र चुनाव लड़ेगा।

येदियुरप्पा ने शिवमोगा जिले के शिकारीपुरा से ही पुरासभा प्रेसिडेंट के तौर पर राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। इस सीट से वे पहली बार 1983 में विधानसभा के लिए चुने गए। इसके बाद वे लगातार 8 बार यहां से जीते।(एएमएपी)