महिला थाना के अलावा एक महिला थानाध्यक्ष होगी नियुक्त।
योगी ने साफ कहा -अनिवार्य सेवानिवृत्ति से भी पीछे नहीं हटेगी सरकार
उन्होंने कहा कि चाहे अपराधी कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। जनहित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें लापरवाही स्वीकार नहीं की जा सकती, आपराधिक घटनाओं में वृद्धि तथा उनके आरोप पत्र व निस्तारण में हो रही देरी संबंधित थाने, सर्किल व पुलिस अधीक्षक की लापरवाही को दर्शाती है, शासन स्तर से हर थाने, सर्किल, जिला, रेंज और जोन की सीधी निगरानी की जा रही है। यदि किसी लापरवाही अनियमितता की पुष्टि हुई तो न सिर्फ उन्हें पद से हटाया जाएगा, बल्कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा भी है कि ‘मां के समान कोई छांव नहीं, मां के समान कोई सहारा नहीं है, मां के समान कोई रक्षक नहीं है और मां के समान कोई प्रिय भी नहीं होता।’ यानी नारी शक्ति के उत्थान के लिए योगी सरकार इस वाक्य को चरितार्थ कर काम कर रही है। सरकार महिलाओं का सहारा बन रही है, उनकी रक्षा कर रही है और उनके उन्नयन के लिए योजनाएं भी बना रही है। वर्ष 2017 के बाद से योगी सरकार सामाजिक सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता प्रदान कर स्वतंत्रता सुनिश्चित कर ‘आधी आबादी’ को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार के कई कार्यक्रम से महिलाओं को सुरक्षा व संरक्षा प्रदान की गई। इसमें शारीरिक सुरक्षा, महिला बटालियन का प्रशिक्षण, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में आत्मरक्षा पाठ्यक्रम, ओडीओपी के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण का निर्माण, राजनीतिक निर्णय लेने में सार्थक स्थान देना भी शामिल है।
कन्या सुमंगला बन रही है सहारा
लड़कियों के मंगलमय भविष्य के लिए कन्या सुमंगला सरकार की सशक्त योजना है। राज्य में अब तक कई लाख बालिकाएं इससे लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके कई सकारात्मक परिणाम मिले हैं। इससे राज्य में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुए, स्कूलों में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि भी हुई। इसी तरह से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार ने उत्तर प्रदेश में अब तक आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की लाखों बेटियों के हाथ पीले किए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई विवाहों में शिरकत कर नवदंपत्ति को आशीर्वाद देकर सुखी-स्वस्थ जीवन की कामना भी की।
बैंकिंग कॉरस्पाडेंट सखी, हर ग्राम में हो रही उपलब्ध
58,000 ग्राम पंचायतों में बैंकिंग कॉरस्पाडेंट सखी की तैनाती का मकसद बेटियों और महिलाओं को मजबूत बनाना है। एक तरफ इसने अलग-अलग गांवों में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराई हैं तो दूसरी तरफ महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के रूप में बिजली मीटर रीडिंग और बिल संग्रह में महिला स्वयं सहायता समूहों को शामिल करने की उत्तर प्रदेश सरकार की पहल ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन को बदलने में मदद की है। बिजली सखियों के रूप में डब्ल्यूएसएचजी के सदस्यों ने अब तक कई करोड़ रुपये के बिजली बिलों का संग्रह पूरा किया है और सफलतापूर्वक कई करोड़ रुपये का कमीशन अर्जित किया है। इसी तरह से राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने महिला उद्यमियों के लिए वित्तीय आत्मनिर्भरता की अनूठी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत कई स्वयं सहायता समूहों की मदद से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और स्वतंत्र बनने में मदद की जा रही है।
महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने और काम खोजने के अवसर बढ़ाने के भी मौके दिए गए हैं । राज्य की राशन की दुकानों में महिला स्वयं सहायता समूह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं आंगनबाड़ियों में स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्वच्छ व पौष्टिक भोजन तैयार किया जाता है, जिससे 6000 महिलाओं को रोजगार के आकर्षक अवसर प्राप्त हुए हैं। महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्टैंड-अप इंडिया पहल के माध्यम से करोड़ों का ऋण वितरित किए गए हैं। पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से 2 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों का भी सरकार ने ध्यान रखा है। इसके अलावा 10 लाख स्वयं सहायता समूहों या स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्वरोजगार की सुविधा प्रदान की गई है।
यूपी में महिला पीएसी बटालियन की स्थापना
बेटियों और महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए योगी सरकार प्रदेश में पहली बार तीन महिला पीएसी बटालियन की स्थापना की गई है। वहीं प्रदेश के सभी थानों (जीआरपी समेत) में महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं । सभी पुलिस थानों में महिला थाने का गठन किया गया है। नवगठित महिला पुलिस बीट्स में अब तक हजारों की संख्या में महिला पुलिस बीट अधिकारी नियुक्त की जा चुकी हैं। ये सभी पुलिस स्टेशन महिलाओं के खिलाफ अपराध की रोकथाम के लिए शक्ति मोबाइल से लैस हैं।
ये अहम कार्य भी किए गए
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार योगी सरकार के कुशल कार्यप्रणाली के परिणाम स्वरूप यूपी में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध में काफी कमी आई है। रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं से जुड़े अपराधों के लिए सजा के मामले में उत्तर प्रदेश लगातार देश में पहले स्थान पर है। मिशन शक्ति अभियान के तीन चरणों के दौरान प्रतिवादियों को दंडित किया गया है। प्रदेश की महिलाओं-बेटियों को बेहतर सुविधाएं और उनकी समस्याओं का तेजी से समाधान करने के लिए वन स्टॉप सेंटर और महिला शक्ति केंद्र समन्वय से काम कर रहे हैं। इसके अलावा, महिलाओं से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए वन स्टॉप सेंटरों को हब के रूप में विकसित किया गया है। उन्हें सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए सभी सेवाएं एक ही छत के नीचे मिल रही हैं। महिलाओं और बेटियों को वित्तीय सहायता, रोजगार व स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण से संबंधित सभी योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए ये संस्थाएं संबंधित विभागों एवं अधिकारियों के समन्वय से कार्य करती हैं।(एएमएपी)