इसके अलावा समस्त परिवारों को चिह्नित कर उनके बच्चों का स्थानीय प्राथमिक/माध्यमिक/उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन कराया जाए। शत-प्रतिशत छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दिया जाए। इन वंचित समुदायों की वयस्क आबादी को उनकी शैक्षिक योग्यता एवं कार्यक्षमता के अनुरूप जिला स्तर पर संचालित कौशल विकास संस्थानों के माध्यम से निःशुल्क प्रशिक्षण दिलाया जाए। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड की पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना के माध्यम से लाभान्वित कराया जाए।
पिछली सरकारों में उपेक्षित रहा है ये समुदाय
उत्तर प्रदेश में मुसहर समुदाय के लोग 19 जिलों में निवास करते हैं। इनमें महाराजगंज, आजमगढ़, गाजीपुर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, कुशीनगर, जौनपुर, वाराणसी, संत रविदास नगर, मिर्जापुर, अंबेडकरनगर, अमेठी, चंदौली, मऊ, प्रतापगढ़, सोनभद्र और सुल्तानपुर जैसे जिले प्रमुख हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में इस जाति की कुल आबादी 2 लाख 57 हजार 135 है। वहीं, सहरिया समुदाय के लोग ललितपुर में संकेंद्रित हैं। इनकी कुल आबादी 70,634 है। ये लोग अपने जीवन-यापन के लिए लकड़ी से टोकरी बनाना, बेल पत्र एकत्र करना, जड़ी-बूटी का विक्रय करते हैं। वहीं वनटांगिया जाति के लिए लोग गोरखपुर, बलरामपुर, बहराइच, पीलीभीत, लखीमपुरखीरी, महराजगंज में निवास करते हैं। इनकी कुल आबादी लगभग 40 हजार है।
पिछली सरकारों में ये जातियां इस कदर उपेक्षित रही हैं कि इनका पुरसाहाल लेने वाला भी कोई नहीं था। हालांकि योगी सरकार आने के बाद न सिर्फ इनकी सुध ली गई बल्कि सरकार अब इनका जीवनस्तर सुधारने और इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए युद्धस्तर पर जुट गई है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी ने दीपावली के अवसर पर वनटांगिया समुदाय के लोगों के बीच पहुंचकर इसके संकेत दिए थे। (एएमएपी)