इन दिनों बेरोजगारी छाई हुई है। ऐसे में एक नौकरी के लिए कितनी मारामारी है, ये आप बखूबी समझ रहे होंगे। लोगों को नौकरियां ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पढ़ रही है। खासकर ग्रेजुएट हो चुके युवाओं को आजकल नई जॉब पाने में बहुत मुश्किल हो रही है, कोरोना के बाद इस मुश्किल में काफी इजाफा हुआ है। आज दुनिया में सिर्फ ग्रेजुएशन की डिग्री ले लेना ही पर्याप्त नहीं है। आज के समय में स्किल बेस्‍ड एजुकेशन सबसे ज्यादा जरूरी हैं। जिसमें सबसे ज्‍यादा मदद कर रहे हैं डिप्‍लोमा कोर्स।गौरतलब है कि देश में बहुत से युवा ग्रेजुएशन के बाद नौकरी या रोजगार की तलाश शुरू कर देते हैं और पीजी में एडमिशन नहीं लेते। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि वे बैचलर्स की डिग्री ऐसे विषय और ऐसी जगह से लें ताकि नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाए। हालांकि अच्छी जॉब मिलना बहुत से फैक्टर्स पर निर्भर करता है लेकिन एक अच्छा कोर्स और बढ़िया कॉलेज आपके लिए आगे के रास्ते खोल देता है। तो ऐसे ही छात्रों के लिए हम यहां कुछ कोर्सों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें करने के बाद वे अपना भविष्य संवार सकते हैं और जॉब मिलने के चांसेस बढ़ जाते हैं।

सेंट्रल यूनिवर्सिटी का मिलता है फायदा

सीयूईटी यूजी अगर अच्छे अंकों से पास किया है तो सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में से किसी में एडमिशन मिल जाता है। ये एडमिशन ही आगे के रास्ते खोल देता है। वे कैंडिडेट्स जिन्होंने किसी अच्छी और खासकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी से किसी भी विषय में बैचलर्स किया हो, उन्हें नौकरी में तवज्जो दी जाती है। स्कॉलरशिप से लेकर, जॉब और एजुकेशन लोन तक जब आप सेंट्रल यूनिवर्सिटी का सर्टिफिकेट लगाते हैं तो प्रिफरेंस दी जाती है। इस तरह सीयूईटी अच्छे अंकों से पास करके सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलना ही पहले स्टेप पर फायदा देता है।

किस स्ट्रीम के लिए कौन सा कोर्स

साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम के लिए अलग-अलग कोर्स होते हैं, जिनका चुनाव किया जा सकता है। ये आपकी च्वॉइस पर निर्भर करता है लेकिन कुछ कोर्सेस में एडमिशन लेने से जॉब आसानी से मिल सकती है। ये इस प्रकार हैं।

आर्ट्स – बैचलर ऑफ जर्नलिज्म, बीए इन एनिमेशन, बीबीए एलएलबी, बैचलर ऑफ मास मीडिया, बीसीए (आईटी एंड सॉफ्टवेयर), बैचलर्स इन हॉस्पिटेलिटी एंड ट्रैवल, डिप्लोमा इन एजुकेशन, बैचलर्स इन डिजाइन।

साइंस – बैचलर ऑफ साइंस इन फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स एंड बायोलॉजी, बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन इन कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी।

कॉमर्स – बीकॉम ऑनर्स, बीकॉम एकाउंटिंग एंड टैक्सेशन, स्टेस्टिक्स, मैनेजमेंट एकाउंटिंग एंड इंटरनेशनल फाइनेंस, एकाउंटिंग, एप्लाइड इकोनॉमिक्स, बैंकिंग एंड फाइनेंस।

मोबाइल ऐप डेवलपमेंट

आजकल मोबाइल ऐप डेवलपर्स के उपयोगिता को समझाने की आवश्यकता नहीं है। हर कोई जो मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता है, वह इस पर विभिन्न एप्लिकेशन का उपयोग तो करता ही है। कोई भी उम्मीदवार ग्रेजुएट होने के बाद मोबाइल ऐप डेवलपमेंट में डिप्‍लोमा कोर्स कर सकता है, जो कई तरह के होते हैं। कोर्स पूरा होने के बाद उम्मीदवार बेहतर मोबाइल ऐप डेवलपर बन सकते हैं।

फैशन डिजाइनिंग

फैशन डिजाइनिंग दो साल का नियमित पीजी कोर्स या 1 वर्ष का डिप्लोमा कोर्स है। फैशन और क्लोथिंग डिजाइनिंग में किए गए डिप्‍लोमा कोर्स के बाद कपड़ा, फुटवियर, एसेसरीज और फैशन तथा अन्य क्षेत्रों में बेहतरीन करियर के कई अवसर हैं। मार्केटिंग, रिटेलिंग, मर्चेंडाइजिंग, ब्रांड मैनेजमेंट, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, एक्सपोर्ट मैनेजमेंट और मार्केट रिसर्च आदि में महारथ प्राप्त की जा सकती है। कुछ प्रमुख संस्थान जैसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी और पर्ल एकेडमी ऑफ फैशन आदि इन कोर्सों को करवाते हैं।

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ट्रैवेल और टूरिज्म

टूरिज्म इंडस्ट्री का क्षेत्र एक और ऐसा क्षेत्र है जिसमें रोजगार की आपार संभावनाएं हैं। ग्रेजुएशन करने के बाद ट्रैवेल और टूरिज्म पाठ्यक्रम राज्य पर्यटन विभाग, इमिग्रेशन एंड कस्टम, ट्रैवल एजेंसियों आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी के लिए उम्मीदवार योग्य बनाता है। टूरिज्म इंडस्ट्री में कई सारे डिप्लोमा और सर्टीफिकेशन पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।

इन क्षेत्रों से कोर्स करने के बाद आप समय-समय पर निकलने वाली तमाम नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। अच्छी जगह से कोर्स करने के बाद जॉब मिलने की संभावना तो बढ़ती ही है साथ ही यहां पढ़ाई के दौरान भी आप बहुत कुछ ऐसा सीखते हैं जो करियर में काम आता है।(एएमएपी)