भारत, ब्रिटेन के बीच ‘ऐतिहासिक’ मुक्त व्यापार समझौता पूरा।

भारत और ब्रिटेन ने मंगलवार को एक ‘ऐतिहासिक’ व्यापार समझौता पूरा कर लिया जो चमड़े, जूते एवं कपड़ों जैसे श्रम-बहुल उत्पादों के निर्यात पर शुल्क हटा देगा, जबकि ब्रिटेन से व्हिस्की एवं कारों का आयात सस्ता हो जाएगा।

इस समझौते से वर्ष 2030 तक दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार दोगुना होकर 120 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है। दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था भारत और छठी बड़ी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन ने तीन साल की बातचीत के बाद यह व्यापार समझौता पूरा कर लिया है।

एफटीए लागू होने पर ब्रिटेन के बाजार में 99 प्रतिशत भारतीय उत्पादों पर शुल्क शून्य हो जाएगा जबकि भारतीय श्रमिकों को ब्रिटेन की आव्रजन प्रणाली में बदलाव के बगैर ही यात्रा करने की अनुमति होगी। इसके अलावा भारतीय वस्त्र, फ्रोजन झींगे, आभूषण एवं रत्नों के निर्यात पर करों में कटौती की जाएगी। इसी तरह ब्रिटेन से व्हिस्की और जिन जैसी शराब किस्मों के आयात शुल्क में भी कटौती की जाएगी।

दोनों पक्षों के कोटा के तहत वाहनों के आयात पर शुल्क 10 प्रतिशत हो जाएगा, जिससे टाटा-जेएलआर जैसी वाहन कंपनियों को लाभ होगा। ब्रिटेन में शून्य शुल्क पर प्रवेश करने वाले भारतीय उत्पादों में खनिज, रसायन, रत्न एवं आभूषण, प्लास्टिक, रबड़, लकड़ी, कागज, कपड़े, कांच, सिरेमिक, यांत्रिक एवं बिजली मशीनरी, हथियार/गोला-बारूद, परिवहन/वाहन, फर्नीचर, खेल के सामान, पशु उत्पाद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर से फोन पर बात होने के बाद इन समझौतों के संपन्न होने की घोषणा की।

मोदी के नेतृत्व में बड़ी उपलब्धि: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मंगलवार को एक ‘महत्वपूर्ण उपलब्धि’ और मील का पत्थर करार दिया। शाह ने कहा कि यह समझौता देश के विदेशी व्यापार को मजबूत करने के प्रधानमंत्री की दूरदर्शी दृष्टिकोण से प्रेरित है।

शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ब्रिटेन के साथ ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के साथ, भारत ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है।’’