2024 के लोकसभा चुनाव में करीब एक साल का ही वक्त बचा रह गया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने के लिए मिशन मोड में लग गई है। मिशन 2024 के तहत बीजेपी ने एक बार फिर से 300 के पार का लक्ष्य रखा है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी 2024 में कितनी सीट जीतेगी, ये समझने के लिए पिछले छह महीने में अलग-अलग तीन सर्वे के आंकड़े आपके सामने रख रहे हैं।हाल ही में सी वोटर और लोकसभा चुनाव में जनता का मिजाज समझने के लिए मूड ऑफ द नेशन नाम से सर्वे किया था। इसमें 1 लाख 39 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था। लोकसभा चुनाव में किस पार्टी को लेकर क्या माहौल है, इसे बताने के लिए यह सबसे ताजा सर्वे है। इसके आंकड़ों का हम विश्लेषण करेंगे, लेकिन उसके पहले दो अन्य सर्वे के आंकड़े देख लीजिए।

छह महीने पहले के सर्वे

सी वोटर का मूड ऑफ द नेशन सर्वे हर छह महीने पर होता है। अगस्त 2022 में जारी किए गए सर्वे में बीजेपी को 283 सीट मिलने का अनुमान जाहिर किया था। इसी सर्वे में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को 307 सीट मिलती दिखाई गई थी। 2019 के मुकाबले देखें तो बीजेपी की 20 सीटें कम हुई हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले 303 सीट हासिल हुई थी।

अब आते हैं छह महीने पहले ही किए गए सर्वे नंबर 2 पर। ऑल इंडिया हुए इस सर्वे को मैटराइज ने कराया था। जुलाई 2022 में हुए इस सर्वे में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी 326 सीट मिलती दिखाई दे रही है। यानी बीजेपी को बहुमत से 54 सीटें ज्यादा मिल रही हैं। वहीं, 2019 से तुलना करें तो भी बीजेपी को 23 सीटों का फायदा हो रहा है।

ताजा सर्वे के आंकड़े

अब देखते हैं जनवरी 2023 में जारी हुए सर्वे के आंकड़े को। सी वोटर के इस सर्वे के अनुसार, अगर आज चुनाव होते हैं तो एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनेगी। हालांकि, इस सर्वे में एनडीए की कुल सीटें 300 के नीचे 298 पर आ गई हैं। बीजेपी को अकेले 284 सीट मिलने का अनुमान जाहिर किया गया है। सी वोटर के ही छह महीने पहले के सर्वे से तुलना करें तो बीजेपी की एक सीट बढ़ी है। हालांकि बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को नुकसान हुआ है।

तीन सर्वे के नतीजों को देखें तो ये साफ नजर आता है कि सरकार बनाने की रेस में बीजेपी सबसे आगे है। 300 सीटों को पार करने की बात करें तो दो सर्वे बीजेपी को 300 के नीचे रख रहे हैं, जबकि एक सर्वे ही उन्हें इसके पार पहुंचाता दिखा रहा है। ये आंकड़ें बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी की टेंशन बढ़ा सकते हैं। फिलहाल, ये सर्वे है और अभी चुनाव में एक साल का वक्त है। ऐसे में अभी कई नए समीकरण बन सकते हैं।(एएमएपी)