बैंक से बदलने का मिलेगा मौका।
20 हजार तक की सीमा में होगा नोट एक्सचेंज
बैंकों से कहा गया है कि वे अब दो हजार का नोट जारी न करें। वहीं लोग बैंकों में जाकर दो हजार का नोट एक्सचेंज करा सकते हैं। 23 मई से एक बार में 20 हजार तक की सीमा में 2 हजार के नोट अन्य नोटों में एक्सचेंज कराए जा सकते हैं। वहीं बैंकों में जमा कराने की कुछ शर्तों के साथ कोई सीमा नहीं होगी। आरबीआई के अनुसार, “लोग अपने बैंक खातों में बेरोक-टोक और मौजूदा निर्देशों व अन्य वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत समान्य तरीके से 2 हजार के नोट जमा कर सकते हैं। इसके अलावा किसी भी बैंक शाखा में उन्हें अन्य नोटों से बदल सकते हैं। 23 मई से किसी भी बैंक में दो हजार के बैंकनोटों को एक बार में 20 हजार की सीमा तक बदला जा सकता है।”
दो हजार के नोट छापने के पीछे ये है कारण
रिजर्व बैंक के अनुसार नवंबर 2016 में 2 हजार के बैंकनोट लाये गए थे। इनका मकसद पांच सौ और एक हजार के बैंक नोटों की कानूनी वैधता वापिस लिए जाने की स्थिति में अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आवश्यकता को तेजी से पूरा करना था। एक बार अन्य बैंकनोट के पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाने के बाद दो हजार के बैंकनोटों को पेश करने का उद्देश्य पूरा हो गया। प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और जनता को पर्याप्त समय प्रदान करने के लिए सभी बैंक 30 सितंबर तक दो हजार के नोटों के लिए जमा और विनिमय सुविधा प्रदान करेंगे। वहीं एक्सचेंज की सुविधा आरबीआई के 19 क्षेत्रीय दफ्तरों में भी उपलब्ध होगी।
सूत्रों का कहना है कि लोगों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। दो हजार के नोट 30 सितंबर के बाद भी वैध रहेंगे। 30 सितंबर तक की सीमा तय की गई है क्योंकि आरबीआई को उम्मीद है कि बैंकों के साथ नोट बदलने के लिए लोगों के लिए 4 महीने का समय पर्याप्त है। चलन में चल रहे 2000 रुपये के अधिकांश नोट 30 सितंबर की निर्धारित समय सीमा के भीतर बैंकों में वापस आ जाएंगे।
आरबीआई का कहना है कि 2018-19 में 2 हजार के बैंक नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। दो हजार के बैंकनोटों में से लगभग 89 प्रतिशत मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे और 4-5 वर्षों के अपने अनुमानित जीवनकाल के अंत में हैं। चलन में इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च 2018 को अपने चरम पर 6.73 लाख करोड़ रुपये से घटकर 3.62 लाख करोड़ हो गया है। यह कुल नोटों का 10.8 प्रतिशत है।
नोटबंदी के वक्त हुई थी शुरुआत
बता दें कि 8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया था। इसके बाद 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बैन हो गए थे। इसके बदले में केंद्रीय रिजर्व बैंक ने 500 रुपये के नए नोट और 2000 रुपये के नोट को चलन में लाया था। हालांकि, कुछ ही साल में 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन कम होता गया और ज्यादातर एटीएम से ये नोट गायब हो गए। अब रिजर्व बैंक ने वापस लेने का ऐलान कर दिया है।(एएमएपी)