बदलती जीवनशैली की वजह से दुनिया भर में ह्रदय संबंधित रोगों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों (सीवीडी) से होने वाली मौतें साल 1990 में 1.21 करोड़ थीं, जो साल 2021 में बढ़कर दो करोड़ तक पहुंच गई यानि 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया 2010 की तुलना में 2025 तक कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों जैसे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से समयपूर्व मृत्यु दर को 25 प्रतिशत तक कम करने के लिए निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष करेगी। वहीं गैर संचारी रोग (एनसीडी) भी भारत में एक बढ़ती सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है। हाल के सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि देश में एनसीडी के कारण होने वाली मौतें 63 प्रतिशत बढ़ गई है।
डॉ. नरेन्द्र सैनी बताते हैं कि “यह एक चिंता की बात है कि देश में ह्रदय रोग संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं, इसलिए लोगों को अपने जीवन में स्वस्थ बदलाव लाना आवश्यक हैं। लोगों को अपनी दिनचर्या में योग, ध्यान, व्यायाम और स्वास्थ्यवर्धक खान-पान की आदतों को शुमार करना चाहिए।
युवाओं में दिल के दौरे की मुख्य वजह बदलती जीवनशैली
युवाओं में कम उम्र में ही हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने की मुख्य वजह लोगों की बदलती जीवनशैली है। इसके अलावा युवाओं में धूम्रपान और शराब के सेवन का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी खतरा, उदासीन जीवनशैली, तनाव में वृद्धि और खान-पीन में बदलाव होने लगता है। दिल के दौरे से युवाओं की मौत ये ही मुख्य वजह हैं।(एएमएपी)