मां कामाख्या दिव्य परियोजना सहित विभिन्न विकास परियोजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास और विरासत को अपनी सरकार की नीति बताते हुए कहा कि कोई देश अपनी विरासत को भुलाकर विकसित नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने विरासत पर शर्मिंदा होने का ट्रेंड बना लिया था और कभी आस्था के केंद्रों के विकास का महत्व नहीं समझा। प्रधानमंत्री ने रविवार को असम में मां कामाख्या दिव्य परियोजना सहित 11 हजार करोड़ की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिव्य परियोजना के पूरा होने पर यहां भी राम मंदिर जैसा महौल बन जाएगा। इस तरह की परियोजना से गरीब से गरीब को भी कमाने के अवसर प्राप्त होते हैं। आज असम विकास और विरासत की नीति से हो रहे बदलाव का साक्षी बन रहा है।

मां कामाख्या दिव्य परियोजना की रखी आधारशिला

प्रधानमंत्री ने मां कामाख्या दिव्य परियोजना (मां कामाख्या एक्सेस कॉरिडोर) की आधारशीला भी रखी। इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र योजना के लिए प्रधानमंत्री के विकास पहल के तहत मंजूरी दी गई है। यह परियोजना कामाख्या मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे तीर्थ, हमारे मंदिर, हमारी आस्था के स्थान, ये सिर्फ दर्शन करने की स्थली ही नहीं हैं। ये हज़ारों वर्षों की हमारी सभ्यता की यात्रा की अमिट निशानियां हैं। भारत ने हर संकट का सामना करते हुए कैसे खुद को अटल रखा, ये उसकी साक्षी हैं।”

बिजली बिल शून्य करने की दिशा में आगे बढ़ रही सरकार

इस दौरान प्रधानमंत्री ने बजट में घोषित ‘रूफटॉप सोलर’ परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार बिजली बिल शून्य करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। पिछले 10 वर्षों में हमने हर घर में बिजली पहुंचाने का अभियान चलाया। अब रूफटॉप सोलर योजना के तहत सरकार एक करोड़ परिवारों को छत पर सोलर पैनल लगाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार हर लाभार्थी तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य प्रत्येक नागरिक के जीवन को आरामदायक बनाना है। यह फोकस हमारे बजट में स्पष्ट है। बजट में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर 11 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का संकल्प लिया है।

केन्द्र सरकार के प्रयासों से शांति का महौल बना

देश के विकास में पूर्वोत्तर की बड़ी भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में केन्द्र सरकार के प्रयासों से यहां शांति का महौल बना है। सीमा से जुड़े मसले सुलझाये गए हैं, स्थायी शांति स्थापित हुई है, 10 बड़े शांति समझौते हुए हैं और बड़ी संख्या में युवाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है। 2014 तक यहां सिर्फ 10,000 किमी नेशनल हाई-वे हुआ करते थे। पिछले 10 वर्षों में ही हमने 6,000 किमी के नए नेशनल हाई-वे बनाए हैं। पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने यहां विकास पर होने वाले खर्च को 4 गुना बढ़ाया है। 2014 के बाद रेलवे ट्रैक की लंबाई 1900 किमी से ज्यादा बढ़ाई गई। 2014 से पहले की तुलना में रेल बजट करीब 400 प्रतिशत बढ़ाया गया है।

इन परियोजनाओं की दी सौगात

प्रधानमंत्री 3400 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई सड़क उन्नयन परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इसमें 38 पुलों सहित 43 सड़कें शामिल हैं, जिन्हें दक्षिण एशिया उप-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (एसएएसईसी) कॉरिडोर कनेक्टिविटी के हिस्से के रूप में उन्नत किया जाएगा। प्रधानमंत्री डोलाबारी से जमुगुरी और बिश्वनाथ चारियाली से गोहपुर तक की दो 4-लेन परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाएं ईटानगर से कनेक्टिविटी को बेहतर करने और क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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प्रधानमंत्री ने राज्य में खेल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं में चंद्रपुर में एक अंतरराष्ट्रीय मानक खेल स्टेडियम और नेहरू स्टेडियम को फीफा मानक फुटबॉल स्टेडियम के रूप में उन्नत करना शामिल है। प्रधानमंत्री गौहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बुनियादी ढांचे के विकास की भी आधारशिला रखी। इसके अलावा वे करीमगंज में एक मेडिकल कॉलेज के विकास की आधारशिला भी रखी।(एएमएपी)