भारत में लोकतंत्र का महोत्सव जारी है। लगभग 70 दिन बाद 4 जून को जनता इस महोत्‍सव में भाग लेने वालों को पुरस्‍कृत कर देगी यानी आम चुनाव के परिणाम आएंगे और इसी के साथ इस महोत्‍सव का समापन हो जाएगा। भारत के आम चुनावों को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का महोत्‍सव कहा जाता है।  इस बीच चुनावी बॉन्ड के साथ ही अन्‍य प्रकार से राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे का शोरगुल भी जारी है। सवाल उठता है कि कौन सबसे अमीर तो कौन सबसे कम पैसे वाला राजीनीतिक दल बना है।  एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की 29 फरवरी  को जारी रिपोर्ट कहती है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान सभी राजनीतिक दलों को मिलाकर 3,077 करोड़ रुपए की कुल आय थी। सबसे ज्यादा आय भाजपा को हुई। यानी कि भाजपा के पास लगभग 2,361 करोड़ रुपए थे।राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के मुताबकि एडीआर ने रिपोर्ट में बताया है कि कांग्रेस ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 452.375 करोड़ रुपए की कुल आय दिखाई है। सभी राजनीतिक दलों की कुल आय में इसका दूसरा स्थान है। भाजपा और कांग्रेस के अलावा अन्य राष्ट्रीय राजनीतिक दलों बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी चुनाव आयोग को रिपोर्ट में अपनी आय का खुलासा किया है।

इस रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भाजपा की आय में वृद्धि हुई है। यह वित्तीय वर्ष 2021-22 की कुल आय से करीब 23.15 फीसदी ज्यादा है। 2022-23 में भाजपा की कुल आय 2,360.844 करोड़ रुपए थी। इससे पहले की समान अवधि में इसके पास 1917.12 करोड़ रुपए थे। 2022-23 में भाजपा ने कुल आय में से 57.68 प्रतिशत करीब 1,361.84 करोड़ रुपए खर्च कर दिए थे। 2022-23 में कांग्रेस का कुल खर्च इसकी कुल आय यानी 453.375 करोड़ रुपए से 3.26 फीसदी ज्यादा रहा और इसने 467.135 करोड़ रुपए खर्च किए थे। कांग्रेस की आय में वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2022-23 के दौरान 16.42 फीसदी की कमी आई है।

राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा प्राप्त पूर्वोत्तर की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की आय में इस दौरान 1502.12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 77.562 करोड़ रुपए की आय हुई। यह रकम इससे पहले 2021-22 में 4.87 करोड़ रुपए थी। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी को 85.17 करोड़ रुपए मिले। इसका खर्च आय के मुकाबले 19.82 फीसदी ज्यादा 102.051 करोड़ रुपए रहा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की आय 141.661 करोड़ थी और इसका 74.87 फीसदी करीब 106.067 करोड़ रुपए खर्च कर दिए थे।

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देश की एक और राष्ट्रीय बहुजन समाज पार्टी की घोषणा के अनुसार 2022-23 में 20 हजार रुपए से अधिक की कोई रकम मिली ही नहीं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में बहुजन समाज पार्टी की आय में 33.14 फीसदी 14.508 करोड़ रुपए की गिरावट आई। यहां यह भी जान लें कि राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपए या इससे अधिक मिलने वाली रकम का खुलासा करना होता है।(एएमएपी)