तिरुपति की एक अदालत ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डुओं में कथित मिलावट के सिलसिले में गिरफ्तार चार आरोपियों को सोमवार को 20 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
नई दिल्ली से प्राप्त समाचार के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) ने भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशकों विपिन जैन और पोमिल जैन, वैष्णवी डेयरी से अपूर्व चावड़ा और एआर डेयरी से राजू राजशेखरन को गिरफ्तार किया। एआर डेयरी ने प्रसाद के लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी की आपूर्ति की थी। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार लोगों को सोमवार को तिरुपति की एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 20 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सूत्रों के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गठित एसआईटी ने घी की आपूर्ति के हर चरण में गंभीर गड़बड़ी पाई जिसके कारण गिरफ्तारियां की गईं। अधिकारियों ने आरोप लगाया कि वैष्णवी डेयरी के अधिकारियों ने मंदिर को घी की आपूर्ति करने के लिए एआर डेयरी के नाम से टेंडर हासिल किए और निविदा प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए फर्जी रिकॉर्ड भी तैयार किया।
सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी को पता चला कि वैष्णवी डेयरी ने झूठा दावा किया था कि वह भोले बाबा डेयरी से घी प्राप्त करती है, जबकि अधिकारियों ने पाया कि डेयरी के पास मंदिर बोर्ड तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की मांग को पूरा करने की क्षमता नहीं है। सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर, तिरुपति लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए पिछले वर्ष नवंबर में पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। टीम में केंद्रीय एजेंसी के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक अधिकारी शामिल है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी और वाईएसआरसीपी (युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी) के राज्यसभा सदस्य वाई वी सुब्बा रेड्डी सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने पिछले साल चार अक्टूबर को अपने आदेश में कहा था कि लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोप की जांच एसआईटी करेगी और इसकी निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सितंबर में आरोप लगाया था कि राज्य में वाई.एस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू तैयार करने में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया। नायडू के इस बयान से बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था।