सूर्यग्रहण के बाद अब देव दीपावली पर चंद्र ग्रहण की छाया रहेगी। 15 दिनों में यह दूसरा ग्रहण है जो दृश्यमान होगा। चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को होगा। चन्द्र ग्रहण के कारण देव दीपावली का आयोजन एक दिन पहले यानि सात नवंबर को मनाया जाएगा। ज्योतिष के मुताबिक एक पक्ष में दो ग्रहण होने के प्रभाव नकारात्मक होते हैं। प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही मौसम में बदलाव, भूकंप और आतंकी घटनाएं हो सकती हैं।

ज्योतिषाचार्य पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री ने बताया कि चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले ही आरंभ हो जाएगा। 8 नवम्बर को ग्रहण की शुरुआत दोपहर 2 बजकर 41 मिनट बजे से होगी और शाम को 6 बजकर 20 मिनट तक ग्रहण काल रहेगा। भारत में चंद्रग्रहण चंद्र उदय के साथ शाम 5 बजकर 20 मिनट बजे से दिखने लगेगा। यह चंद्रग्रहण मेष राशि में होगा और सूतक प्रातः 8 बजकर 20 मिनट से शुरू होगा। जो कि शाम 6 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगा।

ज्योतिषाचार्य पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री ने बताया कि देव दीपावली के दिन चंद्र ग्रहण लगने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। महाभारत कालीन ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण के बाद ग्रस्तोदित चंद्रग्रहण का संयोग दो सौ साल बाद ऐसी युति बन रही है। इसमें चार ग्रह वक्री हो रहे हैं। मंगल, शनि और सूर्य व राहु आमने-सामने आएंगे। भारत वर्ष की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है। इसके साथ ही शनि कुंभ राशि में पंचम मिथुन राशि में नवम भाव पर मंगल की युति विनाशकारी योग बना रहा है। यह विश्व पटल के लिए अच्छे योग नहीं हैं।

शनि और मंगल के आमने-सामने होने से षडाष्टक योग, नीचराज भंग और प्रीति योग का बन रहा है। साल का यह आखिरी चंद्रग्रहण मेष राशि में लगेगा। ऐसे में इस राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी।

उन्होंने बताया कि यदि 15 दिनों में दो ग्रहण होते हैं तो प्राकृतिक आपदाएं आती हैं या मौसम में अचानक बड़ा बदलाव हो सकता है। सीमाओं पर तनाव बढ़ सकता है। आतंकी घटनाओं में वृद्धि हो सकती है। कुछ जगहों पर दुर्घटनाएं बढ़ेंगी। औद्योगिक विकास कार्यों में गिरावट आ सकती है। व्यवसायिक वर्ग में भी चिंता बनी रहेगी।

पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक चन्द्र ग्रहण का प्रभाव मेष राशि वाले जातकों पर अधिक होगा। इस जाति के जातकों को कष्ट उठाना पड़ सकता है। वृष राशि के जातकों को हानि और मिथुन वालों को लाभ होगा। इसी तरह कर्क राशि के जातकों के लिए ग्रहण सुखदायी होगा। सिंह राशि वालों को अपमान का सामना करना पड़ सकता है। कन्या राशि वालों के लिए कष्टकारी, तुला राशि वालों के लिए दांपत्य जीवन में कष्ट, वृश्चिक राशि वालों के लिए सुखकारक, धनु के लिए चिंताग्रस्त, मकर राशि के लिए कष्टकारी, कुंभ राशि के लिए धनलाभ वाला और मीन राशि वाले जातकों को हानि उठानी पड़ सकती है। उन्होंने बताया कि ग्रहण के सूतक काल में बच्चों, बीमार, वृद्धों को खाने की छूट है, किन्तु ग्रहण काल में खाना पूर्णतया निषेध बताया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रहण काल में भगवन नाम जाप, दान-पुण्य आदि कर्म करना श्रेष्यकर होगा। खासकर जिन जातकों की राशि पर ग्रहण का दुष्प्रभाव है उन्हें ग्रहण काल में जप, ध्यान व दान आदि करना चाहिए। (एएमएपी)