केन्‍द्र सरकार ने किसानों के दिल्ली चलो मार्च के बीच किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है। केंद्र की कैबिनेट बैठक में गन्ना किसानों के हित में अहम फैसला लिया गया। कैबिनेट ने गन्ना खरीद की कीमत 25 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दी। गन्ना खरीद की कीमत को 315 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगी। सरकार के इस फैसले पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया आई है। पीएम मोदी ने कहा है कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

गन्ना खरीद की कीमतों में 8 प्रतिशत का इजाफा

मोदी सरकार ने 2024-25 के लिए गन्ना खरीद की कीमतों में 8 प्रतिशत का इजाफा किया है। ये बढ़ी हुई कीमतें अक्टूबर से लागू हो जाएंगीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसानों को गन्ने का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए आगामी गन्ना सीजन के लिए 1 अक्टूबर, 2024 से 30 सितंबर 2025 की अवधि में मूल्य में इजाफा करने का निर्णय लिया गया है। चीनी मिलों की ओर से साल 2024-25 के लिए कीमत 340 रुपये प्रति क्विंटल तय करने का निर्णय लिया गया है।

पीएम ने कहा- किसान भाई-बहनों के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “देशभर के अपने किसान भाई-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में गन्ना खरीद की कीमत में ऐतिहासिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। इस कदम से हमारे करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ होगा।”

केंद्र सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान हमारे भाई और अन्नदाता हैं और केंद्र सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की अधिक आय सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। हम पहले भी बातचीत के लिए तैयार थे और आज भी तैयार हैं और भविष्य में भी उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार रहेंगे। हमें कोई समस्या नहीं है क्योंकि वे हमारे भाई और अन्नदाता हैं।

अनुराग ठाकुर ने किया मोदी सरकार की योजनाओं का जिक्र

अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह गन्ने की अब तक की सबसे अधिक कीमत है, जो मौजूदा सत्र 2023-24 के लिए गन्ने की एफआरपी से लगभग आठ प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि नई एफआरपी गन्ने के तय फॉर्मूले से 107 प्रतिशत ज्यादा है और इससे गन्ना किसानों की समृद्धि सुनिश्चित होगी। भारत, दुनियाभर में गन्ने की सबसे ज्यादा कीमत चुका रहा है। केंद्रीय मंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मोदी सरकार की कई योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दोगुना कर दिया है और खरीद भी दोगुना से अधिक बढ़ा दी गई है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में गेहूं, धान, तिलहन और दालों की खरीद पर 18.39 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं जबकि यूपीए सरकार ने 5.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे।

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अनुराग ठाकुर ने एनडीए सरकार के 10 वर्षों के दौरान किसानों को दिए गए उच्च एमएसपी और यूपीए सरकार के पिछले 10 वर्षों की तुलना में अधिक खरीद की भी तुलना की। उन्होंने कहा कि सरकार ने उचित दरों पर उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित की है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी एफआरपी है। यह दूसरी बार है जब मोदी सरकार ने एफआरपी में एक बार में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। यह कदम आम चुनाव से पहले उठाया गया है। गन्ना मुख्य रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में उगाया जाता है।

गन्ना किसानों के कल्याण के लिए पिछले दस वर्षो में हुए कई काम

पिछले वर्ष गन्ना 315 रुपए था, जो इस वर्ष बढ़कर 340 रुपये प्रति क्विंटल हो किया गया है। इसके साथ उन्होंने कहा कि सरकार गन्ना किसानों के कल्याण के लिए पिछले दस वर्षो में कई काम किए हैं। पहले गन्ना किसानों को कई साल तक उनकी फसल की कीमत नही मिलती थी, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि चीनी मिल वक्त पर किसानों को उनके बकाया का भुगतान करें। उन्होंने कहा की वर्ष 2021-22 में किसानों को 1.28 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। वहीं, 2022-23 में 1.95 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। ये पैसे सीधे इनके खाते में भेजे गए है। गन्ने की कीमत में इजाफे से किसानों को लाभ मिलेगा। (एएमएपी)