अजय विद्युत।
म्यांमार में कई पुरातात्विक स्थल हैं और पूरे देश में विभिन्न रंगारंग त्योहारों का आयोजन वर्ष भर होता रहता है। यहाँ एडवेंचर के शौकीनों से लेकर धर्म, संस्कृति, प्रकृति और पुरातात्विक स्मारकों के प्रति रुझान रखने वाले सभी के लिए ढेर सारी सौगातें हैं।
म्यांमार के उत्तर में चीन, पश्चिम में भारत, बांग्ला देश और हिन्द महासागर तथा दक्षिण-पूर्व की दिशा में इंडोनेशिया स्थित हैं। इसकी राजधानी ‘नाएप्यीडॉ’ और सबसे बड़ा शहर देश की भूतपूर्व राजधानी यंगून है, जिसे पहले रंगून के नाम से जाना जाता था।
यंगून :
यह म्यांमार का सबसे बड़ा शहर है और म्यांमार की पुरानी राजधानी रह चुका है। शहर में कई बड़े-बड़े बाग-बगीचे होने के कारण इसे ‘गार्डन सिटी आॅफ ईस्ट’ भी कहा जाता है। यंगून में ही विश्व प्रसिद्ध ‘गोल्डन पगोड़ा’ है।
मांडले :
इस शहर को ‘सिटी आॅफ जेम्स’ भी कह जाता है। यहाँ साहित्य और कई पारंपरिक कलाएँ समृद्ध हुई हैं। म्यांमार का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र मांडले शहर और आसपास अनेक पर्यटक स्थल हैं।
हमिंगन बेल :
वैसे तो यह इलाका काफी छोटा है लेकिन इसकी प्रसिद्धि इसलिए है कि यहाँ एक धार्मिक स्थल पर दुनिया का सबसे बड़ा घंटा है।
बागान :
यह वर्ल्ड हेरिटेज साइट आश्चर्यों से भरपूर है। यहाँ के भव्य स्मारक म्यांमार के शासकों की धर्मनिष्ठता और प्रतिभा को दर्शाते हैं। यहाँ पर बहुत से पगोड़ा हैं। आनंद और थाबिन्यू मंदिर देखने लायक है। बागान ऐसी जगह है जहाँ आपको कला के अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे।
ताउन्ग्यी :
यह प्रसिद्ध गर्मियों की सैरगाह है और धीरे-धीरे पर्यटन केंद्र के रूप में उभरा है। लोग यहाँ प्राकृतिक सुंदर और सुखद ठंडक का आनंद उठाने आते हैं। ताउन्ग्यी के पास ही इन्ले झील है जो पर्यटकों का मन मोह लेती है। नीले पहाड़ों से घिरी इन्ले झील तैरते द्वीपों पर बाग-बगीचों और तैरते गाँवों के लिए जानी जाती है। यहाँ के रंगबिरंगे तैरते बाजार आकर्षण का केंद्र होते हैं।
प्यिन-ऊ-ल्विन :
प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह पहाड़ी स्थान छुट्टियां बिताने के लिए बेहतरीन है। यहाँ का बॉटनिकल गार्डन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
पिंडाया गुफाएँ :
चूने-पत्थर से बनी इन गुफाओं में भगवान बुद्ध की वर्षों पुरानी हजारों मूर्तियाँ और पेंटिंग हैं।
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