मुख्य तानसेन समारोह 19 दिसम्बर को होगा शुरू।
ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक आयेंगे सुर सम्राट तानसेन को स्वरांजलि देने।
चेन्नकेशव मंदिर की वास्तुकला, मूर्तियों, नक्कासियों, भित्ति चित्रों और शिलालेख विश्वविख्यात है। मंदिर में निर्जीव पत्थरों से बनी कलाकृतियों की सुंदरता अद्वितीय और इतनी अभिव्यंजक है कि वे सजीव प्रतीत होती है। इस मंदिर की प्रसिद्धि विजयनारायण के रूप में भी है। साथ ही इसे केशवा व केसवा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। सन् 1117 ईसवी में वर्धन साम्राज्य के राजा विष्णुवर्धन द्वारा यागची नदी के किनारे बेलूर में चेन्नकेशव मंदिर का निर्माण शुरू किया गया था। राजा की तीन पीढ़ियों के समय तक इस मंदिर का निर्माण होता रहा और यह 103 वर्ष में बनकर तैयार हुआ। चेन्नकेशव मंदिर कर्नाटक की राजधानी से 200 किलोमीटर दूर और हासन जिले से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
“गमक” की तीन और मुख्य समारोह में 10 संगीत सभाएँ होंगी
विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह का इस बार विस्तार किया गया है। समारोह के तहत इस बार पूर्वरंग “गमक” की तीन सभायें होंगीं। “गमक” की पहली सभा 16 दिसम्बर को शिवपुरी व दूसरी सभा 17 दिसम्बर को दतिया में सजेगी। “गमक” की तीसरी सभा तानसेन समारोह के एक रोज पहले यानि 18 दिसम्बर की सांध्यबेला में यहाँ इंटक मैदान हजीरा में सजेगी। जिसमें सुविख्यात सूफियाना एवं सिने गायक हंस राज हंस की प्रस्तुति होगी।
मुख्य तानसेन समारोह 19 दिसम्बर को शुरू होगा। इस दिन प्रात:काल में तानसेन समाधि पर शहनाई वादन हरिकथा व मिलाद गायन, चादरपोशी एवं शहनाई वादन के साथ समारोह की पारंपरिक शुरूआत होगी। सायंकाल में औपचारिक शुभारंभ और राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण समारोह आयोजित होगा।
इस बार के विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह में कुल 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 19 दिसंबर की शाम को होगी। इसके बाद हर दिन प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 22 दिसंबर को समानांतर सभा बटेश्वर में भी होगी, जो शास्त्रीय संगीत की रहेगी। 23 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और शाम की अर्थात इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा गूजरी महल के परिसर में सजेगी। अंतिम सभा महिला कलाकारों पर केंद्रित रहेगी। समारोह में विश्व संगीत की सभाएं भी होंगी। गमक और विश्व संगीत के कलाकारों के नाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे। प्रात:कालीन सभा हर दिन प्रात: 10 बजे और सांध्यकालीन सभा सायंकाल 6 बजे शुरू होंगीं। (एएमएपी)