युवाओं में बीजेपी की पैठ
गौलतलब है कि नगालैंड की 80 फीसद और मेघालय की 75 फीसद आबादी ईसाई है। भाजपा ने बीते सालों में दोनों राज्यों में गठबंधन सरकारों में विकास के एजेंडे को लागू कर व केंद्र की विभिन्न योजनाओं के जरिए अपनी विकास की छवि को मजबूत किया है। इसका असर इन राज्यों के युवाओं में देखने को मिलता है और वह भाजपा का समर्थन भी करते हैं। दोनों राज्यों में चर्च ने परोक्ष रूप से भाजपा से दूरी बनाई थी। इसके बाबजूद भाजपा को खासी सफलता मिली है।

बीजेपी को मिले 9.2 प्रतिशत वोट
मेघालय में भाजपा ने 1993 से विधानसभा चुनाव लड़ना शुरू किया था। यह तीसरा मौका है, जब भाजपा ने दो सीटें जीती हैं। 1998 में भाजपा को तीन सीटें मिली थी। पार्टी को 1993 व 2013 के चुनाव में कोई सीट नहीं मिली थी। 2003 में दो व 2008 में एक सीट मिली थी। पिछले 2018 के चुनाव में भाजपा ने 9.63 फीसदी वोट के साथ दो सीटें जीती थी। तब पार्टी 47 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इस बार भाजपा ने 59 सीटों के चुनाव में 9.20 फीसद वोट के साथ दो सीटें जीती हैं।
नगालैंड में भाजपा को 2003 में सात, 2008 में दो, 2013 में एक और पिछले 2018 के चुनाव में 12 सीटें मिली थी और उसने गठबंधन सरकार भी बनाई थी। इस बार उसे 20 सीटों पर चुनाव लड़ कर 18.83 फीसद वोटों के साथ 12 सीटें मिली हैं। गौलतलब है कि भाजपा ने इन दोनों राज्यों में 80 सीटों में से 75 सीटों पर ईसाई व गैर हिंदू उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें अधिकांश ईसाई थे। ऐसे में भाजपा को देश भर में ईसाई समुदाय की अपने प्रति हिचक को दूर करने में भी मदद मिलेगी।(एएमएपी)



