मशहूर अभिनेता सतीश कौशिक की हाल ही में हार्ट अटैक से मौत हो गई। आजकल की खराब जीवनशैली और अन्य वजह से हार्ट अटैक एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। अन्य बीमारियों की तरह हार्ट अटैक भी लक्षण शो करता है। बस उन्हें पहचानने की जरुरत है। क्या आप जानते हैं कि पुरुषों और महिलाओं में भी हार्ट अटैक के लक्षण अलग अलग होते हैं। समय रहते यदि उनपर ध्यान दिया जाए तो गंभीर समस्या होने से बचा जा सकता है। जानने की कोशिश करते हैं कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण किस तरह अलग होते हैं।

कई महिलाओं में नहीं होता हार्ट पेन

हार्ट पेन होना पुरुषों में हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण है। लेकिन यह जानकर हैरानी होती है कि कई महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने से पहले सीने में दर्द का अनुभव नहीं होता है। हालांकि सीने से लेकर पीठ, जबड़े और बाहों में दर्द होना महिला और पुरुष दोनों में हो सकता है। कई स्टडी में सामने आया है कि महिलाओं को पीठ, गर्दन और जबड़े में दर्द होने की संभावना अधिक होती है।

महिलाओं में दिख सकते हैं ये और लक्षण

हार्ट अटैक के दौरान, महिलाओं को मतली, उल्टी, जबड़ों, गर्दन या पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द, छाती के निचले हिस्से या पेट में दर्द, सांस की तकलीफ, बेहोशी, अपच और अत्यधिक थकान होने का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा नींद की समस्या, एंग्जाइटी, चक्कर आना, अपच, गैस बनने के लक्षण भी दिख सकते हैं।

50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को अधिक खतरा

मोनोपोज महिलाओं में हार्ट संबंधी परेशानी पैदा करता है। रिपोर्टों के अनुसार, 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में हार्ट अटैक से होने वाली मौत का खतरा अधिक रहता है। बॉडी वेट बढ़ना, एक्सरसाइज की कमी, धूम्रपान, प्रोसेस्ड पफूड खाने जैसी परेशानी से दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है। इन वजह से भी आता है हार्ट अटैक

पुरुष हों या महिला, दिल की बीमारी से बचने के लिए इसके लिए क्या कारण जिम्मेदार होते हैं? यह जानना बहुत जरूरी है। हाई ब्लड प्रेशर, सामान्य से अधिक कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, स्मोकिंग, एक्सरसाइज न करना, किडनी की बीमारी के कारण भी हार्ट अटैक आ जाता है।

हार्ट को हेल्दी कैसे रखें, 5 बातों से समझें

गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं। आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं। तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है। जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।

सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है। दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा। फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे। अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।

रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें। जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं। रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का आदर्श समय है। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा। तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर मस्तिष्क और हृदय पर होता है।

धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें। लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है। इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है। इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।

सोशल मीडिया और वॉट्सऐप पर आए मैसेज में कई तरह के दावे किए जाते हैं जो आपकी सेहत को बिगाड़ सकते हैं। हार्ट को लेकर भी कई अफवाह वायरल होती हैं। जैसे- दिन की शुरुआत 4 गिलास पानी से करते हैं तो हृदय रोगों का खतरा नहीं होता। ऐसे मैसेजेस से बचें और कोई भी जानकारी लेने के लिए डॉक्टर पर ही भरोसा करें, वरना ये हालत को सुधारने की बजाय और बिगाड़ सकते हैं।

दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से

दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से होती हैं। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक, दुनियाभर में हर 3 में से 1 मौत हृदय रोग से हो रही है। इसके 80 फीसदी मामले मध्य आय वर्ग वाले देशों में सामने आते हैं।(एएमएपी)