– 12 अप्रैल पर विशेष
1934 में सोवियत संघ के क्लूशीनो गांव में जन्मे यूरी एलेक्सेविच गागरिन के पिता बढ़ई थे। यूरी 6 साल के थे, तब दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उनके घर पर एक नाजी अधिकारी ने कब्जा कर लिया। उनके पूरे परिवार को दो साल तक झोपड़ी में रहना पड़ा। नाजियों ने उनकी दो बहनों को बंधुआ मजदूर बनाकर जर्मनी भेज दिया। वह 16 वर्ष के हुए तो मॉस्को चले गए। वहां उन्हें सरातोव के एक टेक्निकल स्कूल में जाने का मौका मिला। वहां उन्होंने एक फ्लाइंग स्कूल को ज्वॉइन किया। यहीं से उनके मन में विमान में बैठकर आसमान छूने का सपना पलने लगा। 1955 में उन्होंने पहली बार अकेले विमान उड़ाया। 1957 में ग्रेजुएशन पूरा कर यूरी एक फाइटर पायलट बन गए।
सोवियत संघ ने 1957 में पहले सेटेलाइट स्पूतनिक-1 को अंतरिक्ष में स्थापित किया। इसके बाद तय किया गया कि अब इंसान को अंतरिक्ष में भेजा जाए। इसके लिए पूरे देश से आवेदन मंगवाए गए। हजारों लोगों की कड़ी मानसिक और शारीरिक परीक्षा ली गई। आखिरकार 19 लोगों का चयन हुआ। यूरी गागरिन भी इनमें से एक थे।
अंतरिक्ष से लौटने के बाद गागरिन दूसरे अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग देने लगे। 27 मार्च, 1968 को एक ट्रेनिंग सत्र के दौरान उनका मिग-15 हादसे का शिकार हो गया। हादसे में यूरी गागरिन और साथी पायलट की मौत हो गई। उन्हें सम्मान देने के लिए 1968 में उनके होम टाउन का नाम बदलकर ‘गागरिन’ रख दिया गया।(एएमएपी)