
अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों में आंखों की रोशनी कम होने और बेचैनी की शिकायत पाई गई है। वहीं, पुलिस मुख्यालय ने अब तक जिले में चार मौतों की पुष्टि की है। मुख्यालय ने जहरीली शराब से मौत की आशंका जताई है। स्थानीय प्रशासन शराब की पुष्टि से परहेज कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि शवों के पोस्टमार्टम के बाद कारण सामने आएगा। इस बीच मद्य निषेध और एफएसएल की टीमें पटना से रवाना हो गई हैं। अब तक सात संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। कुछ लोगों का इलाज के लिए निजी अस्पतालों में कराया जा रहा है।
सूचना यह भी है कि कई मरनेवालों के परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए शवों का अंतिम संस्कार कर दिया है। इस बीच ग्रामीणों और परिजन ने कहा है कि शराब पीने के बाद तबीयत खराब हुई थी।
छपरा शराबकांड में गई थी 77 की जान

पिछले साल दिसंबर महीने में छपरा में दुखद शराबकांड हुआ था। सारण जिले के अलग-अलग गांवों में जहरीली शराब से 77 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आ गई। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जो पिएगा वो मरेगा ही, उन्होंने शराबकांड के पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने से भी इनकार कर दिया।(एएमएपी)



